भारत-चीन में बढ़ा तनाव, सैन्य तैयारियों में जुटा भारत, मोदी ने ली बैठक

Last Updated 27 May 2020 02:46:16 AM IST

पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के दरम्यान तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की, जिसमें बाह्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। सरकारी सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी।


फाइल फोटो (प्रेट्र)

समझा जाता है कि शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को पूर्वी लद्दाख में उभरती स्थिति की जानकारी दी। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि पूर्व निर्धारित बैठक का एजेंडा महत्वाकांक्षी सैन्य सुधार और भारत की सैन्य ताकत को मजबूत बनाने के बारे में चर्चा करना था। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब कुछ ही घंटे पहले चारों जनरलों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पैंगोंग सो झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी की स्थिति के बारे में जानकारी दी, जहां पिछले करीब 20 दिनों से भारत और चीन के सैनिक आक्रामक रुख अपनाये हुए हैं।

सैन्य प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री को लद्दाख की स्थिति से अवगत कराया गया। हालांकि, इस बैठक के बारे में कोई आधिकारिक टिप्पणी या ब्योरा नहीं आया है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल लद्दाख और उत्तरी सिक्किम एवं उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उभरती स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। एक अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया, ‘‘भारत पर सैन्य दबाव बनाने की चीन की रणनीति काम नहीं करेगी। हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति कायम रखना चाहते हैं।’’ 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत, चीन से लगने वाली 3500 किलोमीटर की सीमा पर सामरिक क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास की परियोजनाओं को नहीं रोकेगा और चीन के इन्हें रोकने के किसी तरह के दबाव में नहीं आएगा। समझा जाता है कि रक्षा मंत्री ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ पहले ही कह दिया है कि लद्दाख, सिक्किम, उत्तराखंड या अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर किसी भी महत्वपूर्ण परियोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करने की कोई जरूरत नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन के बीच पिछले 20 दिनों से जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने उत्तरी सिक्किम, उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश के साथ लद्दाख से जुडे संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी को मजबूत बनाया है, जो ऐसा संदेश देने के लिये है कि भारत, चीन के आक्रामक सैन्य रुख के दबाव में बिल्कुल नहीं आएगा। 

क्या है मामला
लद्दाख में स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 5 मई को झड़प हो गई और इसके बाद स्थानीय कमांडरों के बीच बैठक के बाद दोनों पक्षों में कुछ सहमति बन सकी। इस घटना में भारतीय और चीनी पक्ष के 100 सैनिक घायल हो गए थे। इस घटना पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

भाषा
नई दिल्ली


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