चीन से अच्छे संबंध दुनिया की शांति के लिए अहम : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और चीन के बीच अच्छे संबंधों को दोनों देशों, क्षेत्र एवं दुनिया की शांति एवं समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सही अथरे में वैश्विक प्रतिक्रिया को अपनाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (file photo) |
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वषर्गांठ के अवसर पर चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग को भेजे संदेश में यह बात कही। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र लिखकर दोनों देशों के मजबूत संबंधों को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोरोना महामारी हमें इस बात की याद दिलाती है कि दुनिया एक-दूसरे से परस्पर किस प्रकार से जुड़ी हुई है और इसलिए कोरोना से मुकाबला करने के लिए सही अथरे में वैश्विक प्रतिक्रिया को अपनाने की आवश्यकता है। मोदी ने कहा, भारत और चीन दो प्राचीन सभ्यताएं हैं जिनके बीच सदियों से परस्पर लाभकारी आदान-प्रदान का लंबा इतिहास रहा है। हम दो बड़े विकासशील देश और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएँ हैं और आज तेजी से वैश्विक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मोदी ने कहा, भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध न केवल दोनों देशों के लिए उपयुक्त हैं बल्कि हमारे क्षेत्र और विश्व की शांति, स्थिरता और समृद्धि के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, वह दोनों देशों के संबंधों को और अधिक गहरा और मजबूत बनाने के लिए चीनी प्रधानमंत्री के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लिखे पत्र में चीन की सरकार और वहां के लोगों के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त कीं। को¨वद ने कहा, दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षो में राजनीतिक, आर्थिक क्षेत्र और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में काफी प्रगति हासिल की है।
वहीं, विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी को लिखे पत्र में कहा, इस ऐतिहासिक अवसर को मनाने के लिए निर्धारित कार्यक्रम कोरोना के कारण नहीं आयोजित किए जा सके हैं और एक बार इस महामारी पर नियंत्रण होने के बाद इसे उत्साह से मनाया जाएगा। जयशंकर ने कहा, पिछले सात दशकों में भारत-चीन संबंधों को काफी विस्तार मिला है और इसका स्वरूप बहुआयामी हो गया है।
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