लॉकडाउन आठवां दिन: भीड़भाड़ पर कार्रवाई तेज, लोगों की परेशानियां बढी

Last Updated 02 Apr 2020 04:44:11 AM IST

कोविड -19 के मामलों में तीव्र वृद्धि के साथ ही प्रशासन ने इस महाममारी को थामने के लिए लगाये गये देशव्यापी लॉकडाउन को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी जबकि वस्तुओं की आपूर्ति में कमी आने और आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने से लोगों की परेशानियां भी बढी हैं।


लॉकडाउन आठवां दिन: भीड़भाड़ पर कार्रवाई तेज, लोगों की परेशानियां बढी

इक्कीस दिवसीय लॉकडाउन का बुधवार को आठवां दिन था, ऐसे में विशेषज्ञों एवं एवं विभिन्न कंपनियों के कार्यकारियों ने चेतावनी दी कि उद्योग जगत और रोजगार बाजार के लिए बहुत बुरी स्थिति अभी नजर आनी बाकी है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

कई वाहन निर्माता कंपनियों ने बुधवार को कहा कि मार्च में उसकी बिक्री में भारी गिरावट आयी है। ये कंपनियां मारूति सुजुकी इंडिया, हुंडई मोटर, मोटर मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टोयोटा किलरेस्कर मोटर हैं।

एक औद्योगिक रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के चलते निर्माण स्थलों से मजदूरों के चले जाने के कारण सीमेंट की मांग धीमी रहने की संभावना है जबकि एक अन्य रिपोर्ट में नौवहन क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण समय का अनुमान लगाया गया है।

कई कंपनियों ने लॉकडाउन के चलते वेतन में कटौती एवं नौकरियों में कमी की घोषणा की है। साथ ही दिहाड़ी श्रमिको एवं अनुबंधित मजदूरों के पास भी आजीविका के साधन नहीं बचे हैं।

विमानन कंपनी गो एयर ने अपने कर्मचारियों से कहा कि मार्च की उनकी तनख्वाह का एक हिस्सा अप्रैल में दिया जाएगा। उससे पहले उसने अपने सभी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की घोषणा की थी।

फिक्की ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर विमानन कंपनियों की मदद करने की मांग की और कहा कि कई एयरलाइन कंपनियां दिवालियेपन के कगार पर हैं क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के चलते विमानों के खड़े रहने के कारण नकदी आरक्षी तेजी से खत्म हो रहे हैं।

आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने बुधवार को कहा कि देशभर में कुल ट्रकों की संख्या 90 लाख है। इनमें से सिर्फ पांच प्रतिशत ट्रक सड़कों पर हैं। इससे माल की ढुलाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। लॉकडाउन की वजह से ट्रक आपरेटरों को चालकों और माल चढाने उतारने के लिए श्रमिकों की कमी से जूझना पड़ रहा है।

इस बीच कई खुदरा विक्रेताओं ने कहा है कि यदि लोग घबराहट में आकर खरीददारी नहीं करते तो जरूरी चीजों के पर्याप्त भंडार होते। वैसे कुछ संगठित कंपनियों ने इस लॉकडाउन के दौरान खरीदी जाने वाली चीजों पर सीमा तय कर दी है।

इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में एक धार्मिक कार्यक्रम के कोरोना के एक बड़े केंद्र के रूप में उभरकर सामने आने के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई तेज कर दी है। देश भर में बुधवार को संक्रमित लोगों की संख्या 1900 के करीब पहुंच गयी है और 55 मरीजों की मौत हो गयी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से धार्मिक कार्यक्रम एवं अन्य ऐसे कार्यक्रमों में नहीं शामिल होने की अपील की लेकिन राजस्थान के अजमेर जिले के सरवर टाउन में एक ऐसे ही कार्यक्रम में 100लोगों के जुट जाने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

सबसे बड़ी मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सामाजिक सुरक्षा देने का आह्वान किया और कहा कि उनके इस लॉकडाउन के दौरान सामाजिक, मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक सदमें के गिरफ्त मे आने का डर है।

कुछ स्थानों पर अधिकारियों ने अनोखी सजा दी। महाराष्ट्र के एक गांव में पंचायत ने घरों से बाहर निकलने पर गधे पर बिठाकर गांव भर में घुमाने का फरमान सुनाया।

दिल्ली पुलिस से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बुधवार शाम पांच बजे तक भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन) के तहत 249 मामले दर्ज किए गए।

पुलिस के अनुसार धारा 65 (पुलिस अधिकारियों के तर्कपूर्ण निर्देशों का पालन करने संबंधी) में 4,053 लोगों को हिरासत में लिया गया है जबकि 515 वाहन जब्त किए गए हैं।

पुलिस ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आवाजाही के लिए बुधवार को कुल 1,022 पास जारी किए गए हैं।

भाषा
नयी दिल्ली


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