दिल्लीः डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा, निजामुद्दीन मरकज खाली, 2361 लोग निकाले गए
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज़ में सुबह 4 बजे तक कार्रवाई हुई है। 2361 लोगों को मरकज से निकाला गया है और 617 लोगों को हॉस्पिटल भेजा गया है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) |
यह जानकारी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी। सिसोदिया ने ट्वीट किया, चिकित्सा कर्मचारियों की मदद से 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद, सुबह 4 बजे तक पूरी इमारत खाली कर दी गई। कुल 2361 व्यक्ति पाए गए, जिनमें से 617 को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और बाकी सभी को क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
क़रीब 36 घंटे के इस ओपरेशन में मेडिकल स्टाफ़, प्रशासन, पुलिस, डीटीसी स्टाफ़ सबने मिलकर, अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया. इन सबको दिल से सलाम. 2/2
— Manish Sisodia (@msisodia) April 1, 2020
सिसोदिया ने लाॅकडाउन में सभी से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि क़रीब 36 घंटे के इस अभियान में मेडिकल स्टाफ़, प्रशासन, पुलिस और डीटीसी स्टाफ़ सबने मिलकर तथा अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। इन सबको दिल से सलाम।
तबलीगी जमात मरकज पर महामारी अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है। क्राइम ब्रांच मरकज प्रमुख के साथ-साथ साद कंधालवी से भी पूछताछ करेगी जिन्होंने संप्रदाय के अनुयायियों की इतनी बड़ी भीड़ को ऐसी स्थिति में एक जगह इकट्ठा किया, जहां कोरोनोवायरस संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा था।
क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने कहा कि यह अब उन लोगों की तलाश करेगा जिन्होंने इस मरकज में भाग लिया और फिर देश के विभिन्न हिस्सों में गए, उनमें से कई लोग ऐसे हैं जो अपने साथ घातक कोरोना संक्रमण ले गए। कई राज्यों ने बताया है कि इन धार्मिक अनुयायियों को पहले ही कोरोना पॉजिटिव पाया जा चुका है।
इसके अलावा, यह उन विदेशियों की भी सूची बनाएगा जो पहले ही अपने देशों के लिए रवाना हो चुके हैं।
गौरतलब है कि निजामुद्दीन की मरकज में तब्लीगी समाज का कार्यक्रम था जिसमें बडी संख्या में लोग जमा हुए थे। बाद में यहां से लोग देश के विभिन्न राज्यों में गये जिससे कोरोना वायरस का संक्रमण बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
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