संकट में कमलनाथ सरकार, मंत्रियों के इस्तीफे
कांग्रेस के असंतुष्ट नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने गुट के आधा दर्जन मंत्रियों समेत 17 विधायकों को भाजपा शासित राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू भेज दिया है।
![]() मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल फोटो) |
इससे मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है। उधर देर रात भोपाल से प्राप्त समाचार एजेंसियों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक बुलाई जिसमें राज्य के सभी मंत्रियों ने उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।
बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा राज्य में विधायक दल का नेता बदलने जा रही है। संभावना है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान विधायक दल के नेता होंगे। राज्यपाल लालजी टंडन अपने पांच दिवसीय अवकाश के पूरा होने से पहले ही मंगलवार को भोपाल लौट रहे हैं।
उधर कांग्रेस की कर्नाटक इकाई हाईकमान और संगठन मामलों के महासचिव केसी वेणुगोपाल की इस अनुमति की प्रतीक्षा कर रही है कि जिन ठिकानों पर पार्टी के विधायकों को रखा गया है वहां हंगामा किया जाए। कई दिनों से लड़खड़ा रही बाहरी समर्थन से चल रही कमलनाथ सरकार सोमवार को दिन में तब संकट में आ गई, जब सिंधिया के करीबी पुरुषोत्तम पाराशर आधा दर्जन मंत्रियों समेत 17 विधायकों को दिल्ली के रास्ते विशेष विमान से बेंगलुरू ले आए।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी लगता है कि सिंधिया का अपने विधायकों को भाजपा शासित राज्य भेजने का आशय साफ है कि उनकी भाजपा से नजदीकी बढ़ गई है। जब इधर यह सब घट रहा था तब सीएम कमलनाथ दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले। समझा जा रहा है इसमें राज्य से राज्यसभा उम्मीदवारों पर बात हुई थी। माना जा रहा है कि भाजपा सिंधिया को राज्यसभा में लाकर केंद्र में मंत्री बनाएगी और उनके मंत्रियों व विधायकों को राज्य में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनने पर मंत्री बनाएगी। गृह मंत्री अमित शाह के यहां मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, शिवराज सिंह चौहान व अन्य की बैठक में सिंधिया गुट के विधायकों को आठ मंत्री पद दिए जाने की बात हुई। हालांकि सिर्फ 17 विधायकों के पार्टी छोड़ने से विधायकों की सदस्यता जा सकती है, ऐसी स्थिति में भाजपा चुनाव होने पर उन्हें फिर से टिकट देगी। संकट के बीच देर रात तक तमाम तरह की चचाएं गर्म रहीं। एक चर्चा यह भी रही कि सिंधिया शाम जाकर प्रधानमंत्री मोदी से मिले हैं जिसकी पुष्टि भाजपा या सिंधिया में से किसी ने भी नहीं की।
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