राहुल और प्रियंका ने जस्टिस मुरलीधर के तबादले पर उठाए सवाल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली हिंसा मामले में सुनवाई करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर सवाल खड़े करते हुए गुरुवार को आरोप लगाया कि सरकार ने न्याय अवरुद्ध करने का प्रयास किया है।
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो) |
राहुल गांधी ने दिवंगत न्यायाधीश लोया के मामले का उल्लेख किया और सरकार पर तंज करते हुए ट्वीट किया, ‘‘बहादुर जज लोया को याद कर रहा हूं कि जिनका तबादला नहीं किया गया था।’’
Remembering the brave Judge Loya, who wasn’t transferred.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 27, 2020
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘‘न्यायमूर्ति मुरलीधर का मध्यरात्रि में तबादला मौजूदा शासन को देखते हुए चौंकाने वाला नहीं है। लेकिन यह निश्चित तौर पर दुखद और शर्मनाक है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘करोड़ों भारतीय नागरिकों को न्यायपालिका पर आस्था है। न्याय को अवरुद्ध करने और लोगों का विश्वास तोड़ने का सरकार का प्रयास निंदनीय है।’’
कांग्रेस का आरोप है कि कई भाजपा नेताओं को बचाने और हिंसा की साजिश का पर्दाफाश नहीं होने देने के मकसद से सरकार ने तबादला कराया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि यह कपिल मिश्रा और कुछ अन्य भाजपा नेताओं को बचाने का षड्यंत्र है, लेकिन ‘मोदी-शाह सरकार’ सफल नहीं होगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘26 फरवरी को जस्टिस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की दो जजों की पीठ ने दंगा भड़काने में कुछ भाजपा नेताओं की भूमिका को पहचानकर उनके खिलाफ सख्त आदेश पारित किए और पुलिस को कानून के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके कुछ घन्टे बाद ही एक जज का तबादला कर दिया गया।’’
'जस्टिस मुरलीधर का तबादला BJP के कई नेताओं को बचाने का षड्यंत्र'
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार ने न्यायपालिका की निष्पक्षता पर हमला बोला है। न्यायपालिका के खिलाफ बदले की कार्रवाई कर रही है।’’
सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या भाजपा नेताओं को बचाने के लिए तबादले का यह कदम उठाया गया? क्या भाजपा सरकार को डर था कि भाजपा नेताओं के षड्यंत्र का पर्दाफाश हो जाएगा? कितने और न्यायाधीशों का तबादला करेंगे?
उन्होंने दावा किया, ‘‘न्यायपालिका पर दबाव डालने का काम भाजपा सरकार ने कोई पहली बार नहीं किया है। पहले भी कई बार कर चुकी है। जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अकील कुरैशी और जस्टिस गीता मित्तल के मामलों में ऐसा किया गया।’’
दरअसल, मुरलीधर का पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में तबादला किया गया है। उन्होंने दिल्ली हिंसा के मामले पर सुनवाई की थी।
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