कांग्रेस का शिवसेना के साथ एनपीआर का मसला सुलझा
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर) का मसला सुलझने के संकेत मिले हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो) |
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस बात के लिए तैयार हो गए हैं कि एनपीआर की प्रश्नावली में माता-पिता की अधिक जानकारी उनका जन्म स्थान और जन्म की तारीख समेत विवादित प्रश्न नहीं रहेंगे। यानी महाराष्ट्र में एनपीआर की प्रश्नावली वर्ष 2010 की ही होगी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इससे संतुष्ट हैं।
दिल्ली में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि एनपीआर का विवाद लगभग सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा कि बीच का रास्ता निकाला गया है, जिससे कांग्रेस और शिवसेना दोनों की फेस सेविंग हो जाएगी। हाल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आस्त किया था कि उन्हें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) से कोई ऐतराज नहीं है और वह इस पर तय समय से ही आगे बढ़ेंगे।
उद्धव ठाकरे ने सीएए और एनपीआर को लेकर यह बात जोर देकर कही थी कि वह भी इस मत के हैं कि इन दोनों से किसी की भी नागरिकता नहीं जाती है। एनपीआर के संदर्भ में उन्होंने जरूर कहा था कि वह इसकी प्रश्नावली स्वयं देखेंगे। समझा जा रहा है कि उन्होंने प्रश्नावली देख ली है और स्टैंड ले लिया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की प्रश्नावली (2010) दोनों सहयोगियों कांग्रेस-एनसीपी को भी अनुकूल लगती है।
एनसीपी नेता शरद पवार हाल ही में मुबंई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से जाकर मिले थे और उनके बीच भी एनपीआर के मसले पर बात हुई थी। कांग्रेस और एनसीपी की आपत्ति इस बात पर है कि एनपीआर में माता-पिता का जन्मस्थान व जन्मतिथि, आधार नम्बर के साथ पासपोर्ट नम्बर, मोबाइल नम्बर, मतदाता कार्ड नम्बर, ड्राइविंग लाइसेंस नम्बर और मातृ भाषा के कॉलम क्यों रखे गए हैं।
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