गांधी के अहिंसा मंत्र को अपनाएं युवा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने युवाओं को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों हीं महत्वपूर्ण हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद |
कोविंद ने 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि किसी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं को महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए जो मानवता को उनका अमूल्य उपहार है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए गांधीजी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेश पर चिंतन-मनन करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान ने नागरिकों को कुछ अधिकार प्रदान किए हैं लेकिन इसके तहत हम सबने यह जिम्मेदारी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे के मूल लोकतांत्रिक आदशरें के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्र के निरंतर विकास और भाईचारे के लिए यही सबसे उत्तम मार्ग है। कोविंद ने लोकतंत्र में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राजनीतिक विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ देश के समग्र विकास और लोगों के कल्याण के लिए दोनों को मिलजुल कर आगे बढ़ना चाहिए।
सरकार के कार्य को सराहा : राष्ट्रपति ने विकास योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान में बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल हुई है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं जिसमें आठ करोड़ लाभार्थी शामिल हो चुके हैं। सौभाग्य योजना से लोगों के जीवन में नई रोशनी आई है।
शिक्षा में सुधार की जरूरत : कोविंद ने देश की कर प्रणाली की चर्चा करते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने से एक देश एक कर एक बाजार की अवधारणा को साकार रूप मिला है। इसके साथ ही ई-नाम योजना से एक राष्ट्र के लिए एक बाजार बनाने की प्रक्रिया मजबूत हुई है।
खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला : राष्ट्रपति ने इसी वर्ष टोक्यो में होने वाले ओलंपिक की चर्चा करते हुए कहा, हमारे खिलाड़यिों एवं एथलीटों की नई पीढ़ी ने हाल के वर्षों में अनेक खेल प्रतियोगिताओं में देश का नाम ऊंचा किया है। ओलंपिक 2020 की खेल प्रतियोगिताओं में भारतीय दल के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाएं और समर्थन की ताकत मौजूद रहेगी।
सेना के अदम्य साहस की सराहना : कोविंद ने देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षाबलों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अदम्य साहस और अनुशासन की अमरगाथाएं प्रस्तुत करता है।
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