भारत में 62% लोग सीएए के समर्थन में

Last Updated 22 Dec 2019 05:54:19 AM IST

देश के 62 फीसद लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का समर्थन करते हैं। वहीं असम के 68 फीसद लोग इस कानून के खिलाफ हैं।


भारत में 62% लोग सीएए के समर्थन में

आईएएनएस-सी वोटर सव्रेक्षण में शनिवार को यह राय सामने आई।
देशभर में 3000 नागरिकों में 17 से 19 दिसम्बर के बीच कराए गए स्नैप पोल में नमूने के तौर पर सबसे अधिक लोग 500 असम से लिए गए थे जिसमें पूर्वोत्तर व मुस्लिम समुदाय के लोग समान रूप से मौजूद रहे। रिपोर्ट के अनुसार देशभर के 62.1 फीसद लोगों ने कहा है कि वह सीएए के समर्थन में हैं जबकि 36.8 फीसद लोगों ने कहा है कि वह इसके विरोध में हैं। रिपोर्ट में पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से 57.3, 64.2, 67.7 और 58.5 फीसद लोगों ने क्रमश: कानून के पक्ष में होने की बात कही। इसी प्रकार पूरब में 42.7 फीसद, पश्चिम में 35.4 फीसद, उत्तर में 31.2 फीसद और दक्षिण में 38.8 फीसद लोगों ने कहा कि वह इस कानून का विरोध करते हैं। पिछले हफ्ते पूर्वोत्तर में इस कानून का भारी विरोध हुआ था। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि यहां 50.6 फीसद लोग कानून के समर्थन में हैं वहीं 47.7 लोग इस एक्ट के विरोध में हैं। 

सुरक्षा के लिए खतरा !
हालांकि एक अन्य प्रश्न कि क्या सीएए के वेष में लोग देश के लिए खतरा बन सकते हैं, इस सवाल के जवाब में देश भर के 64.4 फीसद लोगों ने हां में उत्तर दिया। वहीं 32 फीसद ने कहा कि ऐसा नहीं होगा। सर्वे में कहा गया कि पूरब, पश्चिम और उत्तर भारत में 69, 66, 72.8 फीसद  लोगों को क्रमश: ऐसा लगता है कि यदि दूसरे देशों से लोग भारत में आकर बसे तो सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

हालांकि, दक्षिण भारत के 47.2 फीसद लोग इस बात से सहमत हैं जबकि 50 फीसद को ऐसा लगता है कि अन्य देशों के यहां बसने से देश को कोई खतरा नहीं होगा। पूर्वोत्तर राज्यों में केवल 59.8 फीसद लोग इस बात से सहमत हैं जबकि 35.7 प्रतिशत इस बात का विरोध करते हैं। असम की बात करें तो 73.4 फीसद लोगों को ऐसा लगता है कि यदि विदेशी भारत में आकर बसें तो वह समाज और सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। वहीं, 21.8 फीसद लोगों को ऐसा नहीं लगता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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