सीमा मसले के समाधान के प्रयास तेज करेंगे भारत, चीन
भारत और चीन ने दशकों पुराने सीमा विवाद के मसले के निष्पक्ष एवं परस्पर स्वीकार्य हल ढूंढ़ने के लिए प्रयास तेज करने का यहां शनिवार को संकल्प लिया।
![]() नई दिल्ली में शनिवार को विशेष प्रतिनिधि वार्ता के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ चीन के विदेश मंत्री वांग यी। |
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेशमंत्री वांग यी की सह अध्यक्षता में यहां हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में भारत-चीन सीमा मसले पर विशेष प्रतिनिधिस्तर की 22वीं बैठक में यह संकल्प लिया गया। बैठक में विदेश सचिव विजय गोखले एवं संयुक्त सचिव (पूर्व एशिया) नवीन श्रीवास्तव मौजूद थे।
विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद एक बयान में कहा, दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने भारत एवं चीन के संबंधों में सीमा मसले के समाधान की महत्ता को रणनीतिक दृष्टि से रेखांकित किया और इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सीमा मसले का शीघ्र समाधान दोनों देशों के बुनियादी हितों को पूरा करेगा। विशेष प्रतिनिधियों ने संकल्प लिया कि वह सीमा मसले का निष्पक्ष एवं परस्पर स्वीकार्य समाधान प्रधानमंत्री मोदी एवं राष्ट्रपति जिनपिंग के दिशानिर्देशों के अनुरूप करने के प्रयासों को तेज करेंगे। बयान में कहा गया है कि बातचीत रचनात्मक रही तथा प्रधानमंत्री मोदी एवं राष्ट्रपति जिनपिंग की चेन्नई में हुई दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के दिशानिर्देशन के अनुरूप रही। बातचीत का फोकस भारत-चीन विकासात्मक निकट साझेदारी को आगे ले जाने पर केंद्रित रहा। डोभाल एवं वांग यी ने माना कि भारत एवं चीन के संबंधों में स्थिर एवं संतुलित विकास इस क्षेत्र एवं विश्व में शांति एवं समृद्धि के लिए एक सकारात्मक कारक है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बात को लेकर सहमति कायम हुई है कि दोनों पक्षों को एक दूसरे की संवेदनशीलताओं एवं चिंताओं का आदर करना चाहिए, क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों के विकास में परस्पर विश्वास बहुत महत्वपूर्ण है। विशेष प्रतिनिधियों ने परस्पर हितों से जुड़े महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैिक मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया। बयान के अनुसार दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति दोहराई कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास एवं सीमा मसले के लंबित समाधान के लिए आवश्यक है।
| Tweet![]() |