मंत्रियों से बोले मोदी काम की रफ्तार बढ़ाएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को केंद्र में सभी 56 मंत्रालयों की मैराथन समीक्षा बैठक की। मोदी सरकार की यह दूसरी मंत्रिपरिषद की बैठक सुबह 10.30 बजे से शुरू होकर शाम करीब 6.30 बजे तक चली।
![]() मीटिंग के दौरान संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। |
इस दौरान मोदी ने मंत्रियों से पिछले छह महीने के कामकाज का हिसाब मांगा।
बैठक में मोदी ने मंत्रियों को उनका दायित्व समझाते हुए कहा कि दूसरी बार भी अगर जनता ने सिर आंखों पर बैठाया है तो डिलीवरी करने के लिए। हर फाइल समय पर हर पटल से चलनी चाहिए। काम की रफ्तार और तेज करनी होगी। उन्होंने सभी विभागों से जहां पिछले छह महीनों के काम का हिसाब लिया, वहीं आगे का फ्यूचर प्लान भी पूछा। देश में छाई आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए मंत्रियों से सुझाव लिए गए, अगले साल के बजट के लिए भी मंत्रालयों से पीएम मोदी ने सुझाव लिया।
इतनी लंबी बैठक चलने को लेकर एक वरिष्ठ अफसर ने कहा, ‘अगर 56 मंत्रालय हैं और एक मंत्रालय के प्रजेंटेशन के लिए दस मिनट जोड़ें तो कुल 560 मिनट यानी नौ घंटे चाहिए। इसमें लंच का भी समय है। ऐसे में सात-आठ घंटे कम से कम बैठक तो होनी ही थी। नहीं तो इतने मंत्रालयों की समीक्षा संभव ही नहीं थी।’
इन बिंदुओं पर रहा जोर : सूत्रों ने बताया कि समीक्षा बैठक कुछ बिंदुओं पर आधारित रही। मसलन, अब तक छह महीने में मंत्रालयों ने क्या किया, खासतौर से प्राथमिकता वाले कार्यक्रम कितने परवान चढ़े? मिशन 2022 को ध्यान में रखकर चलाई जा रहीं जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति जानने में पीएम मोदी ने ज्यादा जोर दिया। किसानों की आमदनी दोगुनी करने, हर घर को नल का जल, बेघरों को आवास आदि योजनाओं की समीक्षा की।
मंत्रिपरिषद में हो सकता है फेरबदल : मोदी की ओर से बुलाई गई इस बैठक के बाद आगे चलकर मंत्रिपरिषद विस्तार और फेरबदल की अटकलें लग रही हैं। माना जा रहा है कि समीक्षा बैठक के बाद जहां कई बड़े विभाग ढो रहे कुछ मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है, वहीं कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को हटाने के साथ विभाग बदले भी जा सकते हैं।
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