बसपा ने की राष्ट्रपति से संशोधित नागरिकता कानून वापस लेने की मांग
बसपा सांसदों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को विभाजनकारी बताते हुए बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इसे वापस लेने तथा इसका विरोध करने वालों के खिलाफ़ कथित पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जाँच कराने की माँग की है।
![]() बसपा नेता सतीश मिश्रा की अगुवाई में पार्टी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात किया |
राज्यसभा में बसपा संसदीय दल के नेता सतीश मिश्रा और लोकसभा में पार्टी के नेता दानिश अली की अगुवाई में पार्टी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। मुलाकात के बाद अली ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा में बसपा के 13 सांसदों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंप कर यह माँग की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने राष्ट्रपति को बताया कि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने सीएए सम्बंधी विधेयक संसद में पेश किए जाने से पहले ही इसे देश के लिए विभाजनकारी बताते हुए आगाह किया था। उन्होंने कहा था कि इसे जनता स्वीकार नहीं करेगी।
इस कानून को लेकर आज देशव्यापी आंदोलनों के कारण उपजे हालात ने हमारी नेता की आशंका को सही साबित किया है।’’
अली ने कहा कि पार्टी सांसदों ने राष्ट्रपति को बताया कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को भी सीएए को विभाजनकारी बताते हुए इसे वापस लेने की माँग की है।
उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा हालात के मद्देनज़र बसपा सांसदों ने राष्ट्रपति से सरकार को सीएए वापस लेने का निर्देश देने की माँग की।
पार्टी ने राष्ट्रपति से दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज सहित देश के अन्य इलाकों में इस कानून के विरोध में किए गए आंदोलन के दौरान पुलिस की कथित कार्रवाई की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच की मांग भी की।
पार्टी सांसदों ने 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि में दिल्ली पुलिस द्वारा बिना इजाज़त के प्रवेश कर पुस्तकालय में पढ रहे छात्रों पर कथित लाठीचार्ज को गैरकानूनी बताते हुए इसके खिलाफ़ उचित कार्रवाई करने की भी राष्ट्रपति से माँग की है।
प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में बसपा संसदीय दल के नेता दानिश अली और निचले सदन में पार्टी के अन्य सदस्य और मिश्रा सहित चारों राज्यसभा सदस्य भी शामिल थे।
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