2002 गुजरात दंगा: नानावती आयोग ने नरेंद्र मोदी को दी क्लीन चिट

Last Updated 11 Dec 2019 01:02:23 PM IST

नानावती आयोग ने गुजरात में 2002 के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को क्लीन चिट दे दी है।




इन दंगों में 1000 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के थे।      

राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने सदन में आयोग की रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट को तत्कालीन सरकार को सौंपे जाने के पांच साल बाद सदन में पेश किया गया है।      

आयोग ने 1,500 से अधिक पृष्ठों की अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि राज्य के किसी मंत्री ने इन हमलों के लिए उकसाया या भड़काया।’’ इसमें कहा गया है कि कुछ जगहों पर भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस अप्रभावी रही क्योंकि उनके पास पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी नहीं थे या वे हथियारों से अच्छी तरह लैस नहीं थे।      

आयोग ने अहमदाबाद शहर में साम्प्रदायिक दंगों की कुछ घटनाओं पर कहा, ‘‘पुलिस ने दंगों को नियंत्रित करने में सामर्थ्य, तत्परता नहीं दिखाई जो आवश्यक था।’’       

नानावती आयोग ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच या कार्रवाई करने की सिफारिश की है।      
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) जी टी नानावती और गुजरात उच्च न्यायलाय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) अक्षय मेहता ने 2002 दंगों पर अपनी अंतिम रिपोर्ट 2014 में राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी थी।       

साल 2002 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंगों की जांच के लिए आयोग गठित किया था। यह दंगे

गोधरा रेलवे स्टेशन के समीप साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की दो बोगियों में आग लगाए जाने के बाद भड़के थे जिसमें 59 ‘कारसेवक’ मारे गए थे। 

भाषा
गांधीनगर


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