इक्वाडोर ने नित्यानंद को शरण, जमीन देने से इनकार किया

Last Updated 06 Dec 2019 05:48:51 PM IST

इक्वाडोर सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि उसने दुष्कर्म और अपहरण के मामले में भारत में वांछित स्वयंभू भारतीय संत नित्यानंद को शरण दिया है, या दक्षिण अमेरिकी देश में जमीन खरीदने में उसे किसी भी तरह की मदद की है।


भारत में वांछित स्वयंभू भारतीय संत नित्यानंद(फाइल फोटो)

इक्वाडोर दूतावास ने एक बयान में कहा कि देश ने वास्तव में नित्यानंद के शरण के आग्रह को ठुकरा दिया था और उन्होंने हैती जाने के लिए देश छोड़ दिया है।

बयान के अनुसार, "इक्वाडोर दूतावास स्पष्ट रूप से उन प्रकाशित बयानों को खारिज करता है, जिसमें स्वंयभू संत नित्यानंद को इक्वाडोर द्वारा शरण देने या दक्षिण अमेरिकी द्वीप में या इक्वाडोर से दूर किसी भी जगह जमीन खरीदने में मदद देने की बात कही गई है।"

बयान के अनुसार, "इसके अलावा, नित्यानंद द्वारा इक्वाडोर के समक्ष किए गए अंतर्राष्ट्रीय निजी संरक्षण(शरणार्थी) आग्रह को ठुकरा दिया गया था, जिसके बाद वह संभवत: हैती चले गए।"

बयान के अनुसार, भारत में प्रिंट या डिजिटल मीडिया में प्रकाशित सभी खबरें कथित रूप से कैलाशा डॉट आर्गनाइजेश वेबसाइट से ली गई थी, जोकि संभवत: नित्यानंद या उनके समर्थकों द्वारा चलाई जाती है।

डिजिटल या प्रिंट मीडिया घरानों से आग्रह है कि नित्यानंद से संबंधित किसी भी तरह की सूचना का इस्तेमाल करते वक्त इक्वाडोर का संदर्भ न दे।

नित्यानंद ने इससे पहले घोषणा कर कहा था कि उसने इक्वाडोर से खरीदे गए द्वीप पर एक हिंदू राष्ट्र-कैलाशा का निर्माण किया है।

नित्यानंद को कर्नाटक में उसके खिलाफ दुष्कर्म के एक मामले की वजह से बिना पासपोर्ट के ही देश छोड़कर भागना पड़ा था।

नित्यानंद का असली नाम राजशेखरन है और वह तमिलनाडु का रहने वाला है। उसने 2000 की शुरुआत में बेंगलुरू के समीप एक आश्रम खोला था। कहा जाता है कि उसकी शिक्षाएं ओशो रजनीश आधारित होती हैं।

रपटों के अनुसार, नित्यानंद के खिलाफ फ्रांस के अधिकारी भी चार लाख डॉलर के कथित धोखाधड़ी मामले में जांच कर रहे हैं।

बीते महीने, नित्यानंद के खिलाफ उसके अहमदाबाद स्थित आश्रम से दो लड़कियों के लापता होने के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

 

आईएएनएस
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment