मैं 40 हजार करोड़ की केन्द्रीय निधि बचाने के लिए नहीं बना था मुख्यमंत्री: फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े के उस दावे को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि बहुमत नहीं होने के बावजूद 40 हजार करोड़ की केंद्रीय निधि के ‘दुरुपयोग’ को ‘रोकने’ के लिये उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो) |
फडणवीस ने कहा कि न तो केंद्र ने किसी रकम की मांग की थी न ही महाराष्ट्र सरकार ने इसे वापस भेजा।
विवादित बयानों के लिये चर्चा में रहने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने दावा किया था कि उनकी पार्टी के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के नियंत्रणवाली 40,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि का दुरुपयोग होने से बचाने के लिए बहुमत न होने के बावजूद पिछले महीने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
हेगड़े ने कहा था, ‘‘आप सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र में हाल ही में महज 80 घंटों के लिए हमारा आदमी मुख्यमंत्री था लेकिन जल्द ही फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया। हमने यह नाटक क्यों किया? क्या हम नहीं जानते थे कि हमारे पास बहुमत नहीं है, वह क्यों मुख्यमंत्री बने? यह आम सवाल है जो हर कोई पूछ रहा है।’’
उत्तर कन्नड़ जिले में येल्लापुर में उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान शनिवार को एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री के नियंत्रण में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि थी। अगर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना सत्ता में आती तो निश्चित तौर पर 40,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल विकास कार्य के लिए नहीं किया जाता और यह दूसरी चीजों में जाता (दुरुपयोग होता)।’’
फडणवीस ने हेगड़े के दावों को एकदम गलत करार देते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
फडणवीस ने नागपुर में कहा, ‘‘यह बिल्कुल गलत है और मैं इसे पूरी तरह खारिज करता हूं। केन्द्र सरकार की एक कम्पनी बुलेट ट्रेन परियोजना ला रही है, जहां महाराष्ट्र सरकार की भूमिका भूमि अधिग्रहण तक सीमित है। केन्द्र ने ना ही किसी कोष की मांग की और ना ही महाराष्ट्र सरकार ने उसे वापस किया।’’
उन्होंने कहा कि ये खबरें एकदम गलत हैं। महाराष्ट्र सरकार की बुलेट ट्रेन परियोजना में भूमि अधिग्रहण के अलावा कोई भूमिका नहीं थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी परियोजना से महाराष्ट्र सरकार का एक भी रुपया केन्द्र को लौटाया नहीं गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री या कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल में ऐसा कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं लिया। जो लोग केन्द्र और राज्य सरकार की लेखांकन प्रणाली को समझते हैं उन्हें पता होगा कि इस तरह कोई कोष लौटाया नहीं जाता।’’
फडणवीस ने कहा कि राज्य के वित्त विभाग को इस संबंध में जांच कर सच उजागर करना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ऐसे बयान जारी करना और उस पर हमारी प्रतिक्रिया मांगना गलत है।’’
फडणवीस ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि हेगड़े ने ऐसा कोई बयान दिया भी है या नहीं, उन्हें इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर खबरों से मिली है।
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