कोच्चि में तृप्ति देसाई की मौजूदगी के खिलाफ प्रदर्शन, बिंदु पर हमला

Last Updated 26 Nov 2019 09:59:53 AM IST

सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई के मंगलवार सुबह कोच्चि पहुंचते ही भगवान अय्यपा के भक्तों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। ज्ञात हो कि तृप्ति सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने के उद्देश्य से वहां पहुंची हैं।


महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई

तृप्ति चार अन्य कार्यकर्ताओं के साथ हवाईअड्डे पर सुबह पांच बजे उतरीं। इसके बाद उन्होंने वहां से 200 किलोमीटर दूर स्थित मंदिर में प्रवेश करने के लिए सुरक्षा उपलब्ध कराने को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों से चर्चा की।

हालांकि तृप्ति के वहां पहुंचने की सूचना मिलते ही सबरीमाला के भक्तों का एक विशाल समूह पुलिस कार्यालय के सामने एकत्र हो गया और वे उन्हें मंदिर में प्रवेश न देने को लेकर सबरीमाला के मंत्रों का उच्चारण करने लगे।

इस दौरान भक्तों ने वहां बिंदु अम्मिनी को देखा, जो इस साल दो जनवरी को मंदिर में प्रवेश करने वाली 10-50 साल आयुवर्ग के बीच की दो महिलाओं में से एक हैं। बिंदु को देखते ही भक्त उग्र हो गए और उन्होंने उन पर मिर्ची पाउडर फेंके।

पुलिस ने बताया कि पुरुष की पहचान श्रीनाथ पद्मनाभन के तौर पर हुई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।      

टीवी चैनलों पर दिख रही वीडियो में उन पर हमला होता दिख रहा है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया है।      

देसाई और कार्यकर्ताओं का विरोध करने के लिए अयप्पा श्रद्धालु बढी संख्या में आयुक्तालय के बाहर एकत्रित हुए।    

 तृप्ति देसाई सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा करने के लिए मंगलवार सुबह कुछ अन्य कार्यकर्ताओं के साथ यहां पहुंची थी।देसाई और अन्य कार्यकर्ताओं को कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचते ही कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्तालय में ले जाया गया था।  उन्होंने कहा कि संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवम्बर को वे लोग मंदिर में पूजा करना चाहेंगी।      

देसाई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के 2018 में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने के आदेश के साथ वह यहां पहुंची हैं।      महिला कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘ मैं मंदिर में पूजा करने के बाद ही केरल से जाऊंगी।’’    

पुणे की रहने वाली देसाई ने पिछले साल नवम्बर में भी मंदिर में दर्शन करने का एक असफल प्रयास किया था।      

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के 28 सितम्बर 2018 के सभी आयु वर्ग के महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के फैसले को लागू करने के निर्णय के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए थे, इस वर्ष श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता जतायी कि कोई पाबंदी नहीं है।      

उच्चतम न्यायालय ने अपने पूर्व के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई है लेकिन पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गत 14 नवम्बर को 3:2 से दिये गए एक फैसले में धार्मिक मुद्दों को फैसले के लिए एक बड़ी पीठ को सौंपने का निर्णय किया था। इनमें 2018 के न्यायालय के फैसले से उत्पन्न होने वाले मुद्दे भी शामिल थे।

 

आईएएनएस/भाषा
कोच्चि


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