हिरासत में रखे गये नेताओं के होटल का बिल हुआ 2.65 करोड़ रुपये

Last Updated 05 Nov 2019 05:43:42 PM IST

जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाये रखने के नाम पर हिरासत में लिये गये कई पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों समेत विभिन्न दलों के नेताओं को ठहराने के नाम पर तीन माह में होटल का बिल 2.65 करोड़ रुपये पहुंचा तब अधिकारियों के होश ठिकाने लगे।


हिरासत में रखे गये नेताओं के होटल का बिल

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 और 35-ए को समाप्त करने के गत पांच अगस्त के निर्णय के बाद से कानून-व्यवस्था बनाये रखने के नाम पर हिरासत में लिये गये कई पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों समेत विभिन्न दलों के नेताओं को ठहराने के नाम पर तीन माह में होटल का बिल 2.65 करोड़ रुपये पहुंचा तब अधिकारियों के होश ठिकाने लगे।

नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के 31 नेताओं को भारतीय पर्यटन निगम के सेंटॉर होटल में पिछले तीन माह से हिरासत में रखा गया है। होटल का बिल जब ढाई करोड़ के पार गया तो आलोचनायें शुरू हो गयीं जिसके बाद अधिकारियों ने इन राजनीतिक बंदियों को वैकल्पिक स्थान पर भेजने का इंतजाम शुरू किया।

आधिकारिक सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि अधिकारी होटल से हटाए गए राजनीतिक नेताओं को विश्व प्रसिद्ध डल झील के किनारे स्थानांतरित करने के लिए वैकल्पिक स्थानों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘ होटल में सर्दी से बचने की उचित व्यवस्था नहीं है और सर्दियों के दौरान नेताओं को इसमें रखना मुश्किल होगा, खासकर जब तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि होटल से सटे एस के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में भी अधिकारी किसी प्रकार का इंतजाम करने में असमर्थ रहे। होटल को उप-जेल में बदल दिया गया है।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि होटल की ओर से पेश किया गया बिल भी चिंता का कारण है। उन्होंने कहा, ‘‘होटल ने तीन महीनों के लिए इन बंदियों को रखने के लिए गृह विभाग को 2.65 करोड़ रुपये का बिल थमाया है।’’

उन्होंने कहा कि होटल का भुगतान सरकारी दरों के अनुसार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को प्रति बंदी 6,000 रुपये से 8,000 रुपये के आसपास का बिल दिया जा रहा था, लेकिन केवल 800 रुपये ही मंजूर किए जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि दो नेताओं को एक कमरे में रखा जा रहा है और उन्हें शाकाहारी भोजन परोसा जाता है। सप्ताह में केवल एक बार चिकन का एक टुकड़ा मिलता है।

सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों की नेताओं को विधायक छात्रावास में स्थानांतरित करने की योजना थी, लेकिन यह पहले से ही कुछ सरपंचों और पाषर्द के कब्जे में हैं। उन्होंने कहा,‘‘अधिकारी विभिन्न होटलों के साथ बातचीत कर रहे हैं, खासकर श्रीनगर के छावनी क्षेत्र में।’’

अगस्त से नजरबंद रहने वाले नेताओं में नेकां के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर, पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पिछली पीडीपी-भाजपा सरकार में प्रवक्ता नईम अख्तर, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन और आईएएस अधिकारी से नेता बने शाह फैसल शामिल हैं।

तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों-फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी पिछले तीन महीनों से हिरासत में रखा गया है। डॉ अब्दुल्ला को उनके गुपकार निवास पर हिरासत में लिया गया है, जबकि श्री उमर और सुश्री महबूबा श्रीनगर में सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं। सूत्रों ने कहा कि अधिकारी सर्दियों के दौरान तीनों को जम्मू में स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं।



गौरतलब है कि केंद्र ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। इसके बाद से ही घाटी के अधिकांश नेता या तो हिरासत में हैं या फिर अपने घरों में नजरबंद हैं।

वार्ता
श्रीनगर


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