31 अक्तूबर से केंद्रशासित हो जाएंगे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
जम्मू-कश्मीर को मिला राज्य का दर्जा बृहस्पतिवार को खत्म हो जाएगा और उसे औपचारिक रूप से दो केंद्र शासित प्रदेशों -जम्मू-कश्मीर और लद्दाख- में बांट दिया जाएगा।
![]() आज से केंद्रशासित हो जाएंगे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख |
इसके साथ ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या सात हो जाएगी। दोनों केंद्र शासित प्रदेश देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन अस्तित्व में आएंगे, जिन्हें देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय जाता है। पूरे राज्य में किसी गड़बड़ी से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर पुड्डुचेरी की तरह एक केंद्रशासित क्षेत्र होगा जिसकी एक विधानसभा भी होगी लेकिन लद्दाख चंडीगढ़ की तरह एक केंद्र शासित क्षेत्र होगा लेकिन उसकी कोई विधानसभा नहीं होगी। इन दोनों केंद्र शासित क्षेत्र की कानून एवं व्यस्था केंद्र सरकार के पास होगी। जम्मू-कश्मीर का एक उप राज्यपाल होगा जबकि लद्दाख में एक प्रशासक होगा।
जम्मू-कश्मीर में परिवर्तन : इसी के साथ जम्मू-कश्मीर की वहां पुलिस तथा कानून-व्यवस्था सीधे केंद्र के नियंत्रण में रहेगी, जबकि भूमि वहां की चुनी हुई सरकार के अधीन होगी।
जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के अनुसार, भूमि संबंधी अधिकार केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) जम्मू-कश्मीर की निर्वाचित सरकार के पास होगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा और जैसी अखिल भारतीय सेवाएं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उपराज्यपाल के नियंत्रण में होंगी, न कि जम्मू-कश्मीर की चुनी हुई सरकार के अधीन। भूमि संबंधी अधिकार, कृषि भूमि का हस्तांतरण, भूमि सुधार और कृषि ऋण केंद्र शासित प्रदेश की चुनी हुई सरकार के अधीन होंगे। भू-राजस्व, मूल्यांकन और संग्रह, भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव भी चुनी हुई सरकार के दायरे में आएंगे।
लद्दाख में परिवर्तन : लद्दाख में पुलिस, कानून और व्यवस्था और भूमि उपराज्यपाल के नियंत्रण में होंगी। लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।
हाईकोर्ट एक रहेगा
31 अक्टूबर को दोनों नए केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आएंगे और जम्मू और कश्मीर का उच्च न्यायालय, दोनों नए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए साझा हाईकोर्ट होगा।
आज शपथ लेंगे मुमरू, माथुर
जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुमरू और लद्दाख के प्रशासक राधाकृष्ण माथुर पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। उन्हें जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल शपथ दिलाएंगी। श्रीनगर एवं लेह में दो अलग-अलग शपथ समारोह होंगे।
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