सांसदों के लिए लगेगी संस्कृत की पाठशाला
आरएसएस से जुड़ी संस्था संस्कृत भारती सांसदों के लिए संस्कृत की पाठशाला लगाएगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संस्कृत भारती के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
सांसदों के लिए लगेगी संस्कृत की पाठशाला |
संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संयोजक दिनेश कामत ने राष्ट्रीय सहारा से कहा कि हमने लोकसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया था, उन्होंने स्वीकार कर लिया है। सांसदों के लिए संस्कृत संभाषण शिविर लगाने के तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा। एक दो-दिन में हम योजना को अंतिम रूप दे देंगे।
शिविर लगाने का उद्देश्य सांसदों को संस्कृत में बोलने और लिखने का प्रशिक्षण देना है । सदस्यों के लिए समूहों में क्लास चलेगी ताकि सदस्य लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले सके और समय मिलने पर संस्कृत भी सीख ले। संघ की कोशिश है कि सबसे पुरानी और अनेक भाषाओं की जननी संस्कृत को लुप्त होने से बचाया जाए। सरस्वती शिशु मंदिरों में संस्कृति पढ़ाई जाती है। संघ की शाखाओं में भी संस्कृत का उपयोग किया जाता है। संघ का मानना है कि हमारे पौराणिक ग्रंथ, वेद, उपनिशद, पुराण सभी संस्कृत में हैं। यदि संस्कृत की पढ़ाई खत्म हो गई तो पौराणिक ज्ञान भी खतरे में पड़ जाएगा।
इस बार जब 17वीं लोकसभा का गठन हुआ और सांसदों को शपथ दिलाई गई थी, तब भाजपा के 40 से अधिक सांसदों ने संस्क ृत में शपथ ली थी। तभी से संकेत मिल रहे थे कि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी कोशिश करेगी। मानव संस्थान विकास मंत्रालय भी संस्कृत को बढ़ावा देने की योजना पर काम रहा है।
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