अयोध्या: हिन्दू पक्ष ने कहा, इतिहास की गलती सुप्रीम कोर्ट को ठीक करनी चाहिए

Last Updated 15 Oct 2019 02:51:52 PM IST

उच्चतम न्यायालय में अयोध्या विवाद की आज 39वें दिन की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा कि अयोध्या में 50 से 60 मस्जिद हैं और मुस्लिम कहीं और भी जाकर नमाज पढ़ सकते हैं।


सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ के समक्ष हिन्दू पक्ष के वकील के परासरण ने दलील दी कि अयोध्या में 50-60 मस्जिद हैं और नमाज कहीं भी अदा की जा सकती है, लेकिन यह राम का जन्मस्थान है, इसे बदला नहीं जा सकता।

परासरण ने अपनी दलील में कहा कि किसी को भी भारत के इतिहास को तबाह करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। न्यायालय को इतिहास की गलती को ठीक करना चाहिए। एक विदेशी भारत में आकर अपने कानून लागू नहीं कर सकता है।

उन्होंने अपनी दलील की शुरुआत भारत के इतिहास के साथ की। न्यायालय के निर्देश के बाद वकील वी.पी. शर्मा ने लिखित दलील के साथ कुरान के अंग्रेजी अनुवाद की कॉपी रजिस्ट्री को सौंपी। इसके साथ ही हिंदू और सिख धर्म ग्रंथ भी रजिस्ट्री को सौंपे जाएंगे।

हिंदू पक्षकार की ओर से वकील ने मंदिर के सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज संविधान पीठ को देने की गुजारिश की है। अदालत की ओर से दस्तावेज रजिस्ट्री को देने को कहा गया है।

हिंदू पक्षकार महंत रामचंद्र दास के शिष्य सुरेश दास की ओर से वकील परासरण अपनी दलीलें दे रहे हैं।

हिंदू पक्ष की ओर से निर्मोही अखाड़ा बुधवार को अपनी दलील रखेगा। निर्मोही अखाड़े के वकील सुशील जैन की मां की मृत्यु हो जाने के कारण वह अदालत नहीं पहुंच सके।

 

वार्ता
नयी दिल्ली


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