सेना प्रमुख की चेतावनी- कारगिल जैसा दुस्साहस किया तो पाक को चुकानी होगी भारी कीमत
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पाकिस्तान को कारगिल जैसा दुस्साहस नहीं करने की कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उसने फिर ऐसा करने की हिमाकत की तो उसे इस बार भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
![]() सेना प्रमुख बिपिन रावत |
कारगिल विजय दिवस की 20वीं वषर्गांठ के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में जनरल रावत ने पाकिस्तान को कारगिल जैसा दुस्साहस नहीं करने की चेतावनी देते हुए कहा कि पहले उसकी तरफ से कारगिल में दुस्साहस किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘दुस्साहस फिर नहीं किया जाता है किंतु पाकिस्तान ने फिर ऐसा करने की हिमाकत को तो इस मर्तबा उसे भारी कीमत अदा करनी होगी।’’
Army Chief General Bipin Rawat on being asked 'what message you will to give to Pakistan on #KargilVijayDivas; Don't do it. Misadventures are normally not repeated. You'll get a bloodier nose next time. pic.twitter.com/3NZWkLOB9z
— ANI (@ANI) July 26, 2019
जनरल रावत ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को जीवंत बनाए रखना चाहता है और इसीलिए हताशा भरे कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा,‘‘ कश्मीर समेत अन्य स्थानों पर आतंकवाद फैलाने और उसका समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की विश्व स्तर पर बहुत फजीहत हो रही है। कश्मीर में चरमपंथी और रूढ़ीवादी सोच को जीवंत रखने और उसे बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का भी खूब इस्तेमाल किया जा रहा है।’’
Jammu & Kashmir: Army Chief General Bipin Rawat pays tribute at Kargil War Memorial in Dras, on 20th #KargilVijayDivas pic.twitter.com/fYwysrFFvJ
— ANI (@ANI) July 26, 2019
उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा,‘‘ मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं कि सेना को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है वह कितनी भी कठिन क्यों न हो हर हाल में पूरा करेगी और देश के लोग इसे लेकर आस्त हो सकते हैं। देश के जवान सीमा की सुरक्षा में किसी प्रकार की भी कोताही नहीं होने देंगे और इसे पूरी मुस्तैदी के साथ करते रहेंगे। फौज को आधुनिक उपकरणों से सुस्ज्जित करने पर जोर दिया जा रहा है और आशा है कि अगले वर्ष तक हमें होवित्जर तोपें मिल जाएंगी। इसके अलावा देश में के.9 व्रज को तैयार किया जा रहा है।’’
कश्मीर में छद्म युद्ध जारी रहने की आशंका व्यक्त करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि सेना को आधुनिक निगरानी उपकरणों से लैस करने के साथ ही आतंकवादियों को समर्थन देने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर्स पर भी नकेल कसने की जरुरत है।
गौरतलब है कि वर्ष 1999 में पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों के साथ मिलीभगत कर कारगिल की पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने इसे खदेड़ने के लिए लगभग दो महीने तक जंग लड़ी और विजय हासिल की। तब से हर वर्ष 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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