प्राइमरी शिक्षकों को बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीएड या बीटीसी के रिजल्ट से पहले टीईटी परीक्षा परिणाम वैध है।
सुप्रीम कोर्ट |
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया जिसमें यह कहा गया था कि जिन लोगों का टीईटी रिजल्ट पहले आया और बीएड या बीटीसी का परीक्षा परिणाम बाद में घोषित किया गया, उनका टीईटी प्रमाण पत्र वैध नहीं है।
जस्टिस अरुण मिश्रा, मुकेश कुमार शाह और एस अब्दुल नजीर की बेंच ने हाई कोर्ट के 30 मई, 2018 के निर्णय को गलत ठहराया। बेंच ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की नियमावली को लेकर उठे विवाद की व्याख्या करते हुए कहा कि टीईटी का रिजल्ट पहले आने से सर्टिफिकेट को अमान्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के प्राथमिक अध्यापकों को लाभ मिलेगा।
2011 और उसके बाद से हुई अध्यापकों की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 13 जुलाई को ही हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। यूपी में वर्ष 2013 में लगभग 29 हजार अध्यापकों की भर्ती पर हाई कोर्ट के फैसला का प्रभाव पड़ा था। उनकी नौकरी खतरे में पड़ गई थी।
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