तकनीकी खामी की वजह से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टला, नई तारीख का एलान जल्द
भारत ने सोमवार तड़के होने वाले चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को तकनीकी खामी की वजह से टाल दिया। इसके लिए अब नई तारीख की घोषणा की जाएगी।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट किया, ‘‘प्रक्षेपण यान पण्राली में टी-56 मिनट पर तकनीकी खामी दिखी। एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है। नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।’’
A technical snag was observed in launch vehicle system at 1 hour before the launch. As a measure of abundant precaution, #Chandrayaan2 launch has been called off for today. Revised launch date will be announced later.
— ISRO (@isro) July 14, 2019
इसरो के एक अधिकारी ने भी बयान पढते हुए यही बात कही। चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मार्क-।।।-एम-1 रॉकेट के जरिए चांद पर ले जाया जाना था।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज तड़के 2.51 बजे चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था जिस पर पूरे देश की निगाहें लगी थीं। इस 3,850 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान को अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लेकर जाना था।
हालांकि चंद्रयान-2 की रवानगी के लिए हो रही उल्टी गिनती प्रक्षेपण से 56 मिनट 54 सेकंड पहले रोक दी गई।
अब तक के सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क-।।।-एम-1 रॉकेट के साथ 978 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होने की स्थिति में इसे चंद्रमा तक पहुंचने में 54 दिन लगते।
पिछले हफ्ते प्रक्षेपण संबंधी पूर्ण अभ्यास के बाद रविवार सुबह 6.51 बजे इसके प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हुई थी।
कई वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने कहा है कि प्रक्षेपण टलने से थोड़ी निराशा जरूर हुई है, लेकिन समय रहते तकनीकी खामी का पता चल जाना एक अच्छी बात है। उन्होंने प्रक्षेपण की नई तारीख की जल्द घोषणा होने की उम्मीद भी व्यक्त की है।
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण रूकने के बाद दर्शक हुए निराश
भारत ने सोमवार तड़के होने वाले चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को तकनीकी खामी की वजह से टाल दिया जिसके बाद यहां यह प्रक्षेपण देखने आए लोगों को निराशा हाथ लगी।
कई मिनट तक लोगों में उहापोह की स्थिति रही, जिसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसकी पुष्टि की कि जीएसएलवीएमके जीएसएलवी मार्क-।।।-एम-1 के लॉन्च सिस्टम में तकनीकी खामी देखे जाने के बाद इसे रद्द किया गया।
देश का यह ऐतिहासिक क्षण देखने यहां लोग दूर-दूर से पहुंचे थे। और वह इसरो द्वारा हाल ही में बनाई दर्शक दीर्घा से सांसें थामे प्रक्षेपण का इंतजार कर रहे थे लेकिन जब घड़ी की सूई आगे नहीं बढी और प्रक्षेपण टालने की घोषणा हुई तो उन्हें निराशा हाथ लगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी प्रक्षेपण स्थल पर मौजूद थे।
‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है। इससे चांद के बारे में समझ बढाने में मदद मिलेगी और नयी खोज होगी जिनका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा।
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