कर्नाटक में अब स्पीकर ने फंसाया पेंच, बोले- आठ विधायकों के इस्तीफे त्रुटिपूर्ण

Last Updated 10 Jul 2019 07:27:06 AM IST

कर्नाटक में बदलते परिदृश्य में अब सभी की निगाहें विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार पर टिकी हुई हैं, जिन्हें कांग्रेस और जद (एस) के कुल 13 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे पर फैसला लेना है।


विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार (file photo)

इस बीच कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (एस) के 13 विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है। स्पीकर ने राज्यपाल वजुभाई वाला को खत लिखकर बताया है कि कोई बागी विधायक उनसे नहीं मिला है। 13 में 8 विधायकों के इस्तीफे कानून के मुताबिक नहीं हैं। स्पीकर ने बागी विधायकों के इस्तीफे त्रुटिपूर्ण पाए हैं और उन्होंने सम्मन कर उनसे इस्तीफे पर स्पष्टीकरण मांगा है। स्पीकर के इस कदम से कर्नाटक का संकट गहरा गया है और साथ ही इन विधायकों के इस्तीफे को लेकर संशय भी।

स्पीकर ने बताया, ‘उन्होंने (गवर्नर वजुभाई वाला) विास जताया है कि मैं संविधान का पालन करूंगा। राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से मेरा कोई संबंध नहीं है। मैं संविधान के अनुसार काम कर रहा हूं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनके कार्यालय में भेजा गया इस्तीफा स्वीकृत होगा, इस पर कुमार ने संकेत दिया कि विधायकों को अपना इस्तीफा उनसे मिलकर निजी तौर पर देना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘वरना, मेरी तो कोई जरूरत ही नहीं है। अगर सब कुछ पत्राचार के माध्यम से हो सकता है, तो मेरी क्या जरूरत है।’’
स्पीकर ने कहा कि वह नियमावली पुस्तिका का पालन करेंगे और इन गतिविधियों के बारे में वरिष्ठों से परामर्श करेंगे कि इन इस्तीफों को स्वीकार करना चाहिए या अन्य तरह की कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत सावधानी से निर्णय करना होगा। मेरा हर कदम इतिहास बनेगा। इसलिए मैं कोई गलती नहीं कर सकता हूं, ताकि भविष्य की पीढ़ी मुझे आरोपी के तौर पर नहीं देखे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ से उन्हें इस्तीफा अस्वीकार करने के संबंध में कोई पत्र मिला है, इस पर उन्होंने कहा कि अब तक उन्होंने कोई पत्र नहीं देखा है।
बताया जाता है कि दो निर्दलीय विधायकों के साथ ये विधायक इस वक्त महाराष्ट्र में कहीं ठहरे हुए हैं और उनके भाजपा को समर्थन देने की संभावना है। 12 जुलाई को होने वाले विधानसभा सत्र से पहले इस्तीफा पत्रों पर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले की काफी अहमियत है, क्योंकि यह एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली डांवाडोल गठबंधन सरकार का भविष्य तय करेगी। 224 सदस्यीय विधानसभा में दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ भाजपा के पास 107 विधायक हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 113 है। अगर इन 13 विधायकों का इस्तीफे स्वीकार कर लिया जाता है, तो गठबंधन का आंकड़ा घटकर 103 हो जाएगा। इसमें विधानसभा अध्यक्ष का भी एक वोट शामिल है।

विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग करेगी कांग्रेस
कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि जिन बागी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, पार्टी उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस्तीफा देने वाले पार्टी के 10 विधायकों से अनुरोध किया है कि वे पार्टी में वापस आ जाएं, नहीं तो नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें। गठबंधन के 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद उपजी संकट से निपटने के लिए यहां आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों से हुई बातचीत में यह घोषणा की। सिद्धारमैया ने दावा किया कि इस्तीफा न स्वेच्छा से दिया गया है और न ही वास्तविक है। उन्होंने बताया कि बैठक में शामिल हुए सभी विधायकों ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई है।

कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग का इस्तीफा

कर्नाटक की कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार को बुधवार को एक और झटका लगा। कांग्रेस के निलंबित विधायक आर. रोशन बेग ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। बेग ने विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार के कार्यालय से बाहर निकलते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज मैंने कर्नाटक विधानसभा से अपना इस्तीफा अध्यक्ष को सौंप दिया।’’ कांग्रेस के निलंबित विधायक ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह दिल्ली या मुंबई नहीं जाएंगे। विधायक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि वह पार्टी नेताओं के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।

एजेंसियां/भाषा
बेंगलुरू


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