कर्नाटक: कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

Last Updated 08 Jul 2019 03:34:26 PM IST

कर्नाटक में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार को बचाने के प्रयास के तहत सोमवार को कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया।


कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

कांग्रेस नेताओं ने ऐसा करके पार्टी हाईकमान को मंत्रिमंडल को परिवर्तन करने की खुली छूट दे दी है।

गठबंधन साथियों के बीच गंभीर मतभेदों के कारण गत सप्ताह कांग्रेस के 10 और जनता दल (सेक्युलर) के तीन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था।

इस्तीफा देने वाले अधिकतर विधायक मुंबई के एक होटल में रह रहे हैं। इन विधायकों के इस्तीफे से कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल गहरा गये हैं।

कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी के सी वेणुगोपाल के नेतृत्व में कांग्रेस और जद (एस) नेताओं के बीच देर रात तक चली बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी शामिल थे। गठबंधन सरकार से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के 21 मंत्रियों में उपमुख्यमंत्री डॉ जी परमेश्वरा भी शामिल हैं।

सभी ने कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव को अपने त्यागपत्र सौंप दिए।

सिद्धारमैया ने पत्रकारों से कहा कि एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कैबिनेट का दोबारा गठन होगा जिसमें सामाजिक न्याय और असंतुष्ट विधायकों का विशेष रूप से ध्यान रखा जायेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस्तीफा देने वाले सभी 10 विधायकों के संपर्क में बने हुए हैं।’’

राणेबेन्नूर से निर्दलीय विधायक एवं नगरपालिका मंत्री आर शंकर ने कांग्रेस के दबाव के बावजूद इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। शंकर को हाल ही में मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में शामिल किया गया था।

कैबिनेट में अन्य निर्दलीय सदस्य एच नागेश ने भी राज्यपाल वाजूभाई वाला को त्यागपत्र सौंपा और कहा कि वह गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। इसके बाद वह एक चार्टर्ड विमान से मुंबई चले गए।

सिद्धारमैया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य की गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भाजपा के न केवल राज्य स्तर के नेता बल्कि केन्द्र में अमित शाह और नरेन्द्र मोदी ने भी ऐसा किया है, और वे लगातार ऐसा कर रहे हैं।’’

सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में हाल में हुए राजनीतिक घटनाक्रम से यह पता चलता है कि भाजपा न तो लोकतंत्र और न ही विधानमंडल का सम्मान करती है।

उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक 104 सीटें जरूर मिली थीं, लेकिन वह 113 के बहुमत के आंकड़ें को नहीं छू पाई थी।

उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार को गिराने की अपनी किसी कोशिश में सफल नहीं होगी और यह अधिक मजबूत होगी। सिद्धारमैया ने कहा कि कुछ विधायक असंतुष्ट थे लेकिन प्रत्येक किसी को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जा सकता।

वार्ता
बेंगलुरु


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