जैश का फरार आतंकी गिरफ्तार

Last Updated 15 May 2019 05:49:55 AM IST

जैश-ए-मोहम्मद के एक फरार आतंकी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने श्रीनगर के शौरा इलाके से धर दबोचा। आरोपी की पहचान अब्दुल मजीद बाबा के रूप में हुई। इस पर दो लाख रुपए का इनाम घोषित था।


जैश का फरार आतंकी अब्दुल मजीद बाबा गिरफ्तार

स्पेशल सेल ने इस आतंकी को 2007 में राजधानी दहलाने की साजिश रचते भारी मात्रा में विस्फोटक व हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। उस समय इसके साथ एक पाकिस्तानी समेत कुल चार आतंकियों को पकड़ा गया था। वर्ष 2013 में पाकिस्तानी आतंकी शाहिद गफ्फूर को छोड़कर बाकी सभी तीन कश्मीरी आतंकियों मजीद, फैयाज और बशीर को दिल्ली की निचली अदालत ने बरी कर दिया था।
बाद में मामला हाईकोर्ट जाने पर मजीद बाबा समेत तीनों आतंकियों को  दोषी करार दिया गया। तभी से अब्दुल मजीद बाबा व अन्य आतंकी फरार चल रहे थे। 25 मार्च को स्पेशल सेल की टीम ने अब्दुल मजीद बाबा के साथी फैयाज अहमद लोन को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद से उस पर नजर रखी जा रही थी। दरअसल वर्ष 2013 में निचली अदालत से बरी होने के बाद बशीर अहमद पोन्नू उर्फ  मौलवी, फैयाज अहमद लोन व अब्दुल मजीद बाबा गायब हो गए थे।



जैश-ए-मोहम्मद का हार्डकोर आतंकी है अब्दुल मजीद बाबा

मूल रूप से कश्मीर के सोपोर का रहने वाला फरार आतंकी अब्दुल मजीद बाबा जैश ए मोहम्मद का हार्डकोर आतंकी रहा है। सूत्र बताते हैं कि करीब बारह साल पहले उसी ने अन्य आतंकियों के साथ मिलकर दिल्ली दहलाने की साजिश रची थी, हालांकि वे अपने मसूंबों को अंजाम दे पाते, उससे ही पहले ही स्पेशल सेल ने चार आतंकियों को धर दबोचा था।
पुलिस सूत्र बताते है कि अब्दुल मजीद बाबा पहले एक सामान्य फल व्यवसायी था, लेकिन एक पड़ोसी आतंकी के ब्रेनवाश किए जाने के बाद वह हार्डकोर आतंकी बन गया।  वह दिल्ली दहलाने के लिए पाक निवासी और जैश के खुंखार कमाडंर शाहिद गफ्फूर को लेकर दिल्ली आया। इसी बीच 4 फरवरी 2007 दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि जैश-ए-मोहम्मद के कुछ आतंकी दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर आने वाले हैं। इस सूचना के बाद स्पेशल सेल की टीम ने मुठभेड़ के बाद आतंकियों को धर दबोचा। दबोचे जाने वालों में सियाल कोट पाकिस्तान का रहने वाला शाहिद गफ्फूर, सोपोर बारामूला निवासी बशीर अहमद पोन्नू उर्फ  मौलवी, कुपवाड़ा निवासी फैयाज अहमद लोन और सोपोर निवासी अब्दुल मजीद बाबा था। पुलिस ने आतंकियों के कब्जे से तीन किलो विस्फोटक, 4 इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर्स, एक टाइमर, 6 हैंड ग्रेनेड, एक स्टार .30 बोर की पिस्टल, एक मैगजीन और दो कारतूस के अलावा 50 हजार भारतीय रु पये व 10 हजार नकली यूएस डॉलर आदि बरामद किए थे। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान में बैठे आकाओं के कहने पर वे राजधानी को दहलाने आए थे। उन लोगों की योजना दिल्ली के विभिन्न स्थलों पर बम प्लांट कर सीरियल ब्लास्ट कराना था। दिल्ली पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश किया, लेकिन निचली अदालत ने 7 अगस्त 2013 को शाहिद गफ्फूर को छोड़कर बाकी सभी को बरी कर दिया। इस फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट गई। जहां निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए हाईकोर्ट ने मुक्त किए गए आरोपियों को भी दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लेकिन बशीर अहमद पोन्नू, फैय्याज अहमद व अब्दुल मजीद बाबा कोर्ट में न हाजिर होकर फरार हो गए। इसी बीच वर्ष 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसके बाद भी तीनों चोरी छिपे लगातार देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहे और पाकिस्तान में बैठे जैश के आतंकियों के संपर्क में बने रहे। इनमें से इसी साल 25 मार्च को जब स्पेशल सेल की टीम ने मजीद के साथी फैयाज अहमद लोन को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया, तब अब्दुल मजीद के बारे में पुख्ता जानकारी मिली। इसके बाद उसे स्पेशल सेल ने उसे पकड़ लिया। हालांकि एक अन्य आरोपी वशीर अभी भी फरार चल रहा है।

राजीव रंजन/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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