आर्डिनेंस फैक्टरी के हथियारों की ‘गुणवत्ता खराब’

Last Updated 15 May 2019 05:39:58 AM IST

सेना ने सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) द्वारा आपूर्ति किए जा रहे युद्धक टैंकों, तोपों और एयर डिफेंस गन की ‘खराब गुणवत्ता’ के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रक्षा मंत्रालय से तुरंत दखल देने की मांग की है। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है।


आर्डिनेंस फैक्टरी के हथियारों की ‘गुणवत्ता खराब’

उन्होंने बताया कि सेना ने विशेष तौर पर सचिव (रक्षा उत्पादन) अजय कुमार के समक्ष यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अस्त्र-शस्त्र की ‘खराब गुणवत्ता’ के कारण पिछले कुछ वर्षो में सेना के महत्वपूर्ण हथियारों को काफी नुकसान हुआ है। सेना के अनुरोध पर रक्षा मंत्रालय ने मुद्दे की पड़ताल की और पाया गया कि खामी वाले युद्धक हथियारों के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ओएफबी युद्धक उपकरणों की गुणवत्ता सुधारने में बहुत सक्रियता से नहीं जुटा है। ओएफबी देश भर में 41 आर्डिनेंस फैक्टरी का संचालन करता है और यह रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत काम करता है।


संपर्क किए जाने पर ओएफबी ने कहा कि गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) के गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के निरीक्षण के बाद ही भारतीय सेना को अस्त्र-शस्त्र की आपूर्ति की जाती है। ओएफबी ने कहा कि निर्धारित प्रयोगशाला में सभी सामग्री की जांच की गई और सेना को आपूर्ति किए जाने के पहले सिलसिलेवार परीक्षण भी किए गए।
उन्होंने बताया कि सेना ने मंत्रालय को एक रिपोर्ट भी सौंपी है, जिसमें टी-72 और टी-90 और अजरुन मुख्य युद्धक टैंक से जुड़ी घटनाओं के अलावा 105 एमएम इंडियन फिल्ड गन, 105 एमएम लाइट फिल्ड गन, 130 एमएम एमए1 मिडियम गन और 40 एमएम एल-70 एयर डिफेंस गन का भी जिक्र है। सेना ने उन घटनाओं का भी उल्लेख किया है, जिसमें त्रुटिपूर्ण अस्त्र-शस्त्र के कारण सेना के जवान घायल हो गए।
सूत्रों ने बताया कि सेना इस मुद्दे पर बहुत गंभीर है और उसने रक्षा मंत्रालय को सुरक्षा बल को आपूर्ति किए जाने वाले युद्धक हथियारों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का आग्रह किया है।

भाषा
नई दिल्ली


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