देश को मिला पहला लोकपाल
राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त कर दिया है। राष्ट्रपति ने चार न्यायिक और चार गैर न्यायिक सदस्यों की भी नियुक्ति कर दी है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यामूर्ति पिनाकी चंद्र घोष (file photo) |
राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, लोकपाल के तौर पर न्यायमूर्ति पीसी घोष अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति दिलीप भोंसले, न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती, न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी और न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी को न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है जबकि गैर न्यायिक सदस्य दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, डा. इंद्रजीत प्रसाद गौतम व महेंद्र सिंह को गैर-न्यायिक सदस्य नियुक्त कि गया है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति ने न्यायमूर्ति घोष का लोकपाल पद के लिए चयन किया था। लोकपाल संस्था के आठ सदस्यों का भी चयन किया गया। न्यायमूर्ति घोष मई 2017 में उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए थे। वे आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। उन्होंने न्यायाधीश के रूप में अपनी पारी की शुरुआत कलकत्ता उच्च न्यायालय से की थी।
चयन समिति में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति रंजन गोगोई तथा प्रमुख न्यायविद के रूप में मुकुल रोहतगी शामिल हुए। बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता के स्थान पर सदन में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता के नाते मल्लिकार्जुन खड़गे को विशेष आमंत्रित के तौर पर बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया था।
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