केंद्र की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों के बंद का आज दूसरा दिन, बैंक और परिवहन सेवाओं पर आंशिक प्रभाव

Last Updated 09 Jan 2019 11:53:49 AM IST

विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संगठनों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का बुधवार को देश भर में मिला-जुला असर देखा गया।


ट्रेड यूनियनों के बंद का आज दूसरा दिन

बैंकिंग और परिवहन सेवाएं इसके कारण आंशिक तौर पर प्रभावित हुईं तथा इस दौरा पश्चिम बंगाल में छिटपुट हिंसा की रपटें भी आयीं हैं।      

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी भारतीय मजदूर संघ को छोड़ 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने सरकार की कथित श्रमिक विरोधी नीतियों तथा श्रम कानूनों में प्रस्तावित बदलावों के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है।    

हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह ने कहा कि असम, ओडिशा, मणिपुर, मेघालय, महाराष्ट्र और गोवा में शत प्रतिशत हड़ताल रहा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी समर्थन मिला। मंडी हाउस से संसद भवन के जुलूस में करीब चार हजार श्रमिक सड़क पर अपना गुस्सा जाहिर करने उतरे।’’    

गोवा में निजी बसों तथा पर्यटक टैक्सियों के गायब रहने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। राज्य में निजी बस संगठनों के परिचालन नहीं करने से विभिन्न बस स्टैंडों पर लोगों
की लंबी कतारें देखने को मिलीं।      

इसके अलावा बीईएसटी के अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण मुंबई में भी लाखों यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बीईएसटी के 32 हजार से अधिक कर्मचारी अधिक वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।    

पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से बुधवार को भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आयीं। हावड़ा जिले में स्कूल बसों पर पत्थर फेंके गये। मंगलवार को भी इस तरह की घटनाएं हुई थीं। राज्य के अन्य हिस्सों में भी पत्थरबाजी की इस तरह की घटनाएं हुईं।      



मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सुजान चक्रवर्ती को जादवपुर में बस स्टैंड के बाहर रैली निकालने को लेकर बुधवार को एक बार फिर से हिरासत में लिया गया। चक्रवर्ती को मंगलवार को भी हिरासत में लिया गया था।  सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के एक धड़े द्वारा हड़ताल का समर्थन किये जाने से बैंकिंग सेवाओं पर भी आंशिक असर देखने को मिला।     

ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) ने हड़ताल का समर्थन किया है। जिन जगहों पर इन दो संगठनों की मजबूत उपस्थिति है वहां हड़ताल का असर देखने को मिला। हालांकि भारतीय स्टेट बैंक और निजी बैंकों का परिचालन अप्रभावित रहा, क्योंकि बैंक कर्मचारियों के सात अन्य संगठन हड़ताल में भाग नहीं ले रहे हैं।     

एआईबीईए के महासचिव सी.एच.वेंकटचलम के अनुसार, नकद लेन-देन, चेक निस्तारण, निकासियों, विदेशी मुद्रा विनिमय आदि पर असर पड़ा है। उन्होंने दावा किया कि हड़ताल के कारण मंगलवार को 20 हजार करोड़ रुपये के चेक का निस्तारण नहीं हो सका।     

केरल में बुधवार को विभिन्न हिस्सों में ट्रेनें रोकी गयीं तथा तिरुवनंतपुरम में भारतीय स्टेट बैंक की एक ट्रेजरी शाखा पर हमला किये जाने की खबरें हैं। तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन पर तिरुवनंतपुरत-हैदराबाद सबरी एक्सप्रेस को वेनाड एक्सप्रेस को रोक लिया गया जबकि कोट्टायम-नीलांबर यात्री ट्रेन को कलमसेरी में थोड़ी देर के लिये रोका गया।      

केरल के कई हिस्सों में दुकानें तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। राज्य में बसें तथा ऑटो-रिक्शा सड़क से गायब रहे। कई दुकानदारों ने आरोप लगाया कि उन्हें बंद रखने के लिये कहा गया।    

इससे पहले दिन में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई भाषा से कहा कि गोवा और बिहार में पूरी तरह से बंद रहेगा तथा देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी 100 प्रतिशत हड़ताल रहेगी।   उन्होंने कहा कि यूजीसी परीक्षा के कारण कुछ राज्यों के परिवहन विभाग हड़ताल में शामिल नहीं होंगे।      

इन श्रमिक संगठनों की हड़ताल को पहले दिन यानी मंगलवार को देश में मिश्रित प्रतिक्रिया मिली थी।      

 

 

 

भाषा
नई दिल्ली


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