अहमद पटेल के खिलाफ दायर चुनाव याचिका सुनवाई योग्य : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से कहा कि वह 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव में उनके निर्वाचन के संबंध में भाजपा प्रत्याशी बलवंत सिंह राजपूत की चुनाव याचिका पर मुकदमे का सामना करें।
सुप्रीम कोर्ट |
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने गुजरात हाई कोर्ट के 26 अक्टूबर, 2018 के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए कहा कि सुनवाई होने दीजिए। हाई कोर्ट ने कहा था कि राजपूत के आरोपों पर सुनवाई की आवश्यकता है।
अहमद पटेल ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें राजपूत की चुनाव याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। राजपूत ने राज्यसभा चुनाव में दो विद्रोही विधायकों के मतों को अवैध घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को अपनी चुनाव याचिका में चुनौती दी है।
उनका कहना था कि यदि इन दोनों मतों की गणना की गई होती तो उन्होंने पटेल को हरा दिया होता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटेल की याचिका पर अगले महीने सुनवाई की जाएगी। अदालत ने पक्षकारों को इस दौरान अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति भी दी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि संबंधित पक्षकार पेश हुए हैं, औपचारिक नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है। इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिए फरवरी 2019 में सूचीबद्ध किया जाए। इस दौरान, हाई कोर्ट चुनाव याचिका पर सुनवाई की कार्यवाही करेगा।
कांग्रेस के विद्रोही विधायकों भोलाभाई गोहेल और राघवजी पटेल के मतों को अवैध घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद चुनाव जीतने के लिए आवश्यक 45 मतों की संख्या घटकर 44 हो जाने पर पटेल को विजयी घोषित किया गया था।
राजपूत ने अपनी चुनाव याचिका में पटेल पर कांग्रेस के विधायकों को चुनाव से पहले बेंगलुरू के एक रिजार्ट में ले जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि यह मतदाताओं को रित देने के समान ही है। हाई कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में दूसरी बार पटेल को कोई राहत देने से इंकार कर दिया था।
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