लेनिन, पेरियार के बाद अब कोलकाता में तोड़ी गई श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति
लेनिन, पेरियार के बाद अब जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़े जाने का मामला सामने आया है.
![]() कोलकाता में तोड़ी गई श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति |
कोलकाता में वाममोर्चा के एक छात्र संगठन के सदस्यों ने बुधवार को कथित तौर पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी और प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोत दी. पश्चिम बंगाल भाजपा ने यह कहा. पुलिस ने केओराटोला शवदाहगृह इलाके में हुई इस घटना के मामले में समूह के छह सदस्यों को हिरासत में ले लिया है.
प्रतिमा को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचाया गया और प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोती गई. यहां से एक पोस्टर भी मिला है जिस पर शब्द ‘कट्टरपंथी’ लिखा है.
इससे पहले, तमिलनाडु के त्रिपुरा में वाम आंदोलन के बड़े नेता ब्लादिमीर लेनिन की दो प्रतिमाएं गिरा दी गईं थीं जबकि द्रविड़ नेता ईवी रामास्वामी ‘पेरियार’ की एक प्रतिमा गिराई गई थी.
मुखर्जी की जिस प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया है वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के समीप केओराटोला शवदाहगृह इलाके में स्थित है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
राज्य में भाजपा नेतृत्व ने इस घटना की निंदा की है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि बंगाल की राजनीति में मुखर्जी के योगदान को मिटाया नहीं जा सकता.
पश्चिम बंगाल भाजपा के महासचिव सयांतन बसु ने एक बयान में कहा, "हम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के कृत्य की निंदा करते हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करते हैं और साथ ही यह संदेश भी देना चाहते हैं कि आप इस शर्मनाक कृत्य से पश्चिम बंगाल के निर्माण में मुखर्जी के योगदान को मिटा नहीं सकते."
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा मुखर्जी की प्रतिमा का और शानदार ढंग से दोबारा निर्माण करेगी.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘जब भी वाम दल सत्ता से बाहर होते हैं तब वह ऐसे हथकंडे अपनाते हैं. वामपंथी लोग राष्ट्रविरोधी हैं.’’
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