बलात्कार की कीमत Rs6500! खैरात बांट रहे हो क्या : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 16 Feb 2018 02:59:48 AM IST

बलात्कार की शिकार महिलाओं को निर्भया फंड से छह-साढ़े छह हजार रुपए मुआवजा देने पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य-प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई.


सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने सवाल किया कि क्या बलात्कार की कीमत सिर्फ छह हजार रुपए है. सरकार खैरात बांट रही है क्या.
जस्टिस मदन लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार के हलफनामे को पढ़कर कहा कि आपके चार हलफनामों के अनुसार आप बलात्कार पीड़ित को औसतन छह हजार रुपए दे रहे हैं. आप की नजर में बलात्कार की कीमत 6500 रुपए है. अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सवाल किया कि मध्य प्रदेश सरकार के लिए यह बहुत ही अच्छा आंकड़ा है.

मध्य प्रदेश में 1951 बलात्कार पीड़ित हैं और आप उनमें से प्रत्येक को 6000-6500 रुपए तक दे रहे हैं. क्या यह अच्छा है, सराहनीय है? यह सब क्या है यह और कुछ नहीं सिर्फ संवदेनहीनता है. अदालत ने कहा कि निर्भया कोष के अंतर्गत सबसे अधिक धन मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने 1951 बलात्कार पीड़तों पर सिर्फ एक करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हतप्रभ है कि मध्य प्रदेश, जो निर्भया कोष योजना के तहत केन्द्र से अधिकतम धन प्राप्त करने वाले राज्यों में है, प्रत्येक बलात्कार पीड़ित को सिर्फ 6000-6500 रुपए ही दे रहा है.

दिल्ली में 16 दिसम्बर, 2012 को हुए सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड की हृदय विदारक वारदात के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकारों और गैर सरकारी संगठनों को आर्थिक मदद देने के लिए केन्द्र ने 2013 में निर्भया कोष योजना की घोषणा की थी.

हरियाणा सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसने निर्भया कोष के बारे में विवरण के साथ अपना हलफनामा दाखिल नहीं किया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया था.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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