दिल्ली प्रदूषण: NGT की सरकारों को फटकार, कहा- नागरिकों के जीने लायक वातावरण बनाएं

Last Updated 09 Nov 2017 01:27:30 PM IST

राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए एनजीटी ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है.


साथ ही निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों और ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध के साथ कई निर्देश जारी किये. संविधान के अनुच्छेद 21 और 48 का जिक्र करते हुए एनजीटी ने कहा कि सरकारों की जिम्मेदारी है कि पर्यावरण की देखभाल करें और नागरिकों के जीने लायक वातावरण बनाएं. दिल्ली सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए एनजीटी ने पूछा कि धूल दबाने के लिए दिल्ली सरकार हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल क्यों नहीं करती.

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, अगले आदेश तक निर्माण गतिविधियां नहीं होगी. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों को भी 14 नवंबर तक चलने की अनुमति नहीं होगी.   

अधिकरण ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाले ट्रकों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी और कहा कि बाहर से या दिल्ली के भीतर गाड़ियों को निर्माण सामग्री ढोने की अनुमति नहीं होगी.
एनजीटी ने प्राधिकारों से कहा कि काम नहीं करने के लिए बैठकें करने, पत्र लिखने और जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने का बहाना नहीं बनाया जा सकता.

पीएम (सूक्ष्म कण) 10 और पीएम 2.5 की निर्धारित सीमा के उल्लंघन का उल्लेख करते हुए पीठ ने प्रदूषण फैलाने वाले निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों पर 14 नवंबर तक के लिए रोक लगा दी.

पीठ ने कहा,  आप (अधिकारी) अस्पताल जाइए और देखिए कि लोगों को किस तरह की दिक्कतें हो रही है. आप लोगों की जान के साथ खेल रहे हैं. इस तरह के संकट के समय मूकदर्शक बने प्राधिकारों और पक्षों की उपेक्षा से जीने का अधिकार जोखिम में पड़ गया है.  

एनजीटी ने प्राधिकारों और नगर निकायों को ऐसी जगहों पर पानी का छिड़काव करने को कहा है जहां पर पीएम 10 की मात्रा प्रति घन मीटर 600 माइक्रोग्राम से अधिक पायी गयी है.
पीठ ने प्राधिकारों से वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए ईपीसीए के निर्देशों को लागू करने को कहा. नगर निकायों से टीम का गठन कर सुनिश्चित करने को कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में अपशिष्टों को नहीं जलाया जाए.

एनजीटी ने वायु गुणवत्ता खराब होने के बावजूद राजधानी में निर्माण और औद्योगिक गतिविधियां बंद करने के लिए आदेश जारी नहीं करने पर कल राज्य सरकार और सीपीसीबी को फटकार लगायी थी. .

समयलाइव डेस्क/भाषा


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