फोन आधार लिंक : जस्टिस सीकरी बोले मुझे भी आ रहे हैं मैसेज
मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराने के लिए आने वाले मैसेज और फोन सिर्फ आम आदमी को ही परेशान नहीं कर रहे, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के जज भी सेवा प्रदाताओं के उतावलेपन से चकित हैं.
जस्टिस एके सीकरी |
इसके खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सीकरी मीडिया की मौजूदगी में अपने आप को काफी नियंत्रित करके कह गए कि एसएमएस तो हमारे पास भी आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोबाइल टेलीकॉम ऑपरेटरों को संदेश या फोन के साथ आखिरी तारीख का भी जिक्र करना चाहिए.
यह है अंतिम तारीख
इस समय, बैंक खातों को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि 3 मार्च, 2018 है, जबकि मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने की अंतिम तारीख 6 फरवरी, 2018 है. इसके बावजूद टेलीकॉम ऑपरेटर रिकार्डेड फोन के जरिए उपभोक्ताओं से कह रहे हैं कि लिंक न कराने पर आपका मोबाइल फोन कभी भी बंद हो सकता है.
अंतरिम आदेश नहीं दिया
जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की बेंच ने हालांकि आधार कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने और 12 अंकों की बायोमेट्रिक पहचान संख्या को बैंक खातों और मोबाइल नंबरों से जोड़ने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया. अदालत ने कहा कि आधार से संबंधित सभी मुद्दों पर नवम्बर के अंतिम सप्ताह में संविधान पीठ सुनवाई करेगी.
सरकार विवश नहीं कर सकती
अदालत ने कहा कि यदि सुनवाई नहीं होती है या इसके आगे जारी रहती है तो याचिकाकर्ताओं को इस मामले में रोक लगाने का अनुरोध करने की छूट प्रदान की जा सकती है. अन्य याचियों के वकीलों ने एक सुर में कहा कि सरकार बैंक खातों और मोबाइल फोन को आधार से जोड़ने के लिए विवश नहीं कर सकती. वर्षो से परिचालित बैंक खातों को आधार से लिंक न होने पर धनशोधन अधिनियम के दायरे में कैसे लाया जा सकता है.
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