NTPC के चेयरमैन बोले, जांच रिपोर्ट से पता लगेगी हादसे की वजह

Last Updated 03 Nov 2017 04:53:16 PM IST

एनटीपीसी के प्रमुख और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने उत्तर प्रदेश के ऊंचाहार प्लांट में हुए हादसे को असामान्य करार देते हुए आज कहा कि इसकी जांच में प्लांट की निर्माता कंपनी भेल के विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया जा रहा है.


एनटीपीसी के प्रमुख और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह

सिंह ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस प्लांट का डिजायन और निर्माण भारत हेवी इलेक्ट्रानिक लिमिटेड (भेल) ने किया है. इसलिए जांच में भेल का भी सहयोग लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी एस के राय की अध्यक्षता में गठित कमेटी 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. रिपोर्ट आने से पहले हादसे के कारणों पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हादसे के समय की सभी स्थितियां और घटनाएं ऑटोमेशन से दर्ज हैं और समिति ने उसे अपने कब्जे में ले लिया है.

उन्होंने कहा कि बताया कि कंपनी के कोयला आधारित 105 पावर प्लांट हैं और इनमें से 46 यूनिट हादसे वाली यूनिट की तरह 500 मेगावाट की हैं और इनमें से अधिकांश भेल ने ही बनायी हैं लेकिन यह हादसा असामान्य है. 

हादसे के समय जिन अधिकारियों की मौजूदगी में प्लांट का संचालन किया जा रहा था उन्हें करीब 30 साल का अनुभव है. वे लगातार आपसी संपर्क में थे और बॉयलर को बंद करने का फैसला उन्हें ही लेना था. सिंह ने बताया कि दबाव ज्यादा बनने पर मशीन ट्रिप हो गयी थी. इसके बावजूद दबाव बनना जारी रहा और भाप के इस्तेमाल वाले हिस्से इकोनोमाइजर से राख का भीषण गुबार निकलने लगा. बॉयलर के बाहर भेल के ठेके के कर्मचारी पेंटिंग आदि का अधूरा काम कर रहे थे और वे भी इस हादसे की चपेट में आ गये.

प्लांट को जल्दबाजी में चालू करने सम्बन्धी मीडिया की रिपोर्टों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इसे तय समय दिसंबर 2016 से तीन माह विलंब से मार्च 2017 में चालू किया गया. इसे दोबारा चालू करने में तीन से छह माह का समय लग जाएगा.

उन्होंने बताया कि हादसे में 32 लोगों की मौत हुई है और करीब 80 प्रभावित हुए हैं जिनमें से 48 घायलों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है. हालांकि आधिकारिक सूत्र मृतकों की संख्या 33 बता रहे हैं. सिंह ने बताया कि गंभीर रूप से 12 घायलों को एअरलिफ्ट करके दिल्ली के सफदरजंग और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है. घायलों को एअरलिफ्ट करने में वायु सेना के विमानों की भी मदद ली जा रही है.

उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर मौजूदा और भावी प्लांटों में डिजायन, निर्माण और चालू करने में सुधारात्मक उपाय किये जाएंगे.

मृतकों के आश्रितों को नौकरी दिये जाने से परोक्ष रूप से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि अनुग्रह राशि के अलावा उन्हें कर्मचारी मुआवजा कानून के तहत मुआवजा आदि दिया जाएगा और इस कानून में नौकरी देने का प्रावधान नहीं है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आश्रितों को नौकरी दिये जाने की मांग की थी.

उत्तर प्रदेश के रायबरेली के ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी की इकाई संख्या छह में एक नवंबर को विस्फोट से हादसा हो गया जिसमें 33 लोगों की मौत हो चुकी है.

वार्ता


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