एनसीआर में नहीं चलेंगे 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर लगे प्रतिबंध को हटाने से आज इन्कार कर दिया.
![]() एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहन नहीं चलेंगे (फाइल फोटो) |
न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में केन्द्र की ओर से दायर रियायत की अपील को ठुकराते हुए प्रतिबंध के अपने पूर्व के फैसले को बरकरार रखा. एनजीटी के इस कदम से यह तय हो गया है कि एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहन अब नहीं चल सकेंगे.
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि डीजल वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. डीजल वाहनों से होने वाला प्रदूषण 24 पेट्रोल वाहनों और 40 सीएनजी वाहनों के बराबर है.
एनजीटी ने केन्द्र की अपील ठुकराते हुए कहा कि सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने उसके सात अप्रैल 2015 के फैसले में संशोधन के लिए कोई पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की, बल्कि सीधे ही इसमें रियायत की अपील की जो इस बात का संकेत है कि केन्द्र ने इस मामले को कभी गंभीरता से नहीं लिया.
एनजीटी के अप्रैल 2015 के फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार ने जनवरी 2017 में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करते हुए यह दलील दी थी कि यह मानना गलत है कि केवल डीजल वाहन ही प्रदूषण फैलाते हैं. केन्द्र ने यह भी कहा था कि अगर 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगा दी गयी तो इससे कई लोगों, खासकर निम्न आय वर्ग वालों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा.
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले को वापस एनजीटी के हवाले कर दिया था जिसपर एनजीटी ने आज अपना फैसला सुनाया.
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