कश्मीर में अमन बहाली के उपायों का असर दिखने लगा है: राजनाथ
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज कहा कि पिछले एक वर्ष में कश्मीर घाटी में हालात में काफी सुधार हुआ है और वह कश्मीर की समस्या सुलझाने में मदद करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं.
![]() कश्मीर में हालात सुधरे हैं : राजनाथ |
उन्होंने कश्मीर मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए पांच ‘सी’ यथा - कम्पैशन (सहानुभूति) , कम्युनिकेशन (संपर्क) , कोइगस्टिन्स (सह अस्तित्व ) , कान्फीडेंस बिल्डिंग (विश्वास बहाली) और कन्सिस्टन्सी (सामंजस्य) को आत्मसात किए जाने की सलाह दी.
उन्होंने कहा, यहां शिष्टमंडलों से मिलने और बैठकों के बाद, मुझे लगता है कि कश्मीर में हालात काफी सुधरे हैं. मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि सबकुछ बिल्कुल ठीक है, लेकिन हालात सुधर रहे हैं, यह मैं दृढ़ विश्वास के साथ कह सकता हूं.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ बातचीत की है और वह सेना के जवानों से भी मिलेंगे.
यह पूछने पर कि क्या सरकार अलगाववादियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, गृहमंत्री ने कहा, मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हूं जो कश्मीर की समस्या सुलझाने में हमारी मदद करने को इच्छुक है. औपचारिक न्योता देने का कोई सवाल नहीं उठता. जो बात करना चाहते हैं, वह स्वयं आगे आयें. मैं हमेशा खुले मन के साथ यहां आता हूं.
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे किसी पक्षकार को बाहर नहीं रखना चाहती, जिनके साथ बातचीत की जानी चाहिए.सिंह ने पाकिस्तान से राज्य में आतंकवादियों की घुसबैठ बंद करने को भी कहा जिससे गरिमामय तरीके से शांति बहाली सुनिश्चित हो सके.
सिंह ने कहा कि जब उन्होंने कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान की बात कही थी तब तमाम तरह के कयास लगाये गये थे. स्थायी समाधान का हमारा सूत्र पांच सी पर आधारित है. जम्मू कश्मीर में अन्य राज्यों के लोगों को अचल संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध लगाने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए के कानूनी चुनौतियों के बारे में सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस दिशा में न तो कोई कारवाई की है और ना ही अदालत का रख किया है. इस बारे में किसी तरह के भम और आशंका की कोई वजह नहीं है. इसे गैरजरूरी तौर पर मुद्दा बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मैं यह बात सिर्फ अनुच्छेद 35ए के बारे में नहीं कह रहा हूं बल्कि मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार जो कुछ भी कर रही है और भविष्य में जो भी करेगी यहां के लोगों की भावनाओं के प्रतिकूल नहीं होगा.
सिंह ने कहा कि कश्मीर के लिये जारी 80 हजार करोड़ रूपये के प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के खर्च की भी उन्होंने समीक्षा की है और इसके तहत विभिन्न परियोजनाओं पर काम जारी है. कुछ परियोजनाओं बड़ी होने के कारण इन पर व्यय होने वाली राशि में इजाफा हुआ है और पैकेज की व्यय सीमा अब एक लाख करोड़ तक पहुंच गयी है. उन्होंने कहा कि परियोजना की लागत में इजाफे को राह का रोड़ा नहीं बनने देने के लिये अधिकारियों को कह दिया गया है. इस बावत अधिकारियों से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाकर इन परियोजनाओं पर काम शुर करने को कहा गया है.
अलगाववादियों पर दबाव बनाने के लिये राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का इस्तेमाल किये जाने के आरोपों के सवाल पर सिंह ने कहा कि यह एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है और कानून इस दिशा में अपना काम कर रहा है. एजेंसी के पास जरूर कुछ पुख्ता सबूत होंगे जिनकी बिना पर कार्वाई की जा रही है.
मुलाकात करने वाले 55 शिष्टमंडलों में से किसी के भी द्वारा कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम हटाने की मांग करने के सवाल पर सिंह ने कहा कि किसी ने भी ऐसी कोई मांग पेश नहीं की. भीड़ को नियंत्रित करने के लिये पैलट गन के इस्तेमाल के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि इसका इस्तेमाल यदाकदा ही किया गया. पिछले साल पैलट गन के विकल्प के तौर पर पावा ग्रेनेड का प्रयोग किया था हालांकि यह विकल्प बहुत प्रभावी साबित नहीं हुआ. इसके बाद भी पैलट गन का इस्तेमाल पहले की तुलना में बहुत कम किया गया.
इस दौरान सिंह ने देशवासियों से पर्यटन और कारोबार के लिये कश्मीर आने की अपील करते हुये कहा कि कश्मीर घाटी घूमने में कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग राज्य में आने वालों का स्वागत करने के इच्छुक हैं. वे कश्मीर को एक बार फिर जन्नत बनाना चाहते हैं और इस इलाके को आतंकवादियों के हाथों से वापस लाने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक खास मुहिम शुरू करेगी.
गृह मंत्री ने कहा कि एएसआई अब्दुल रशीद को आज श्रद्धांजलि अर्पित करते समय मैंने एक बार फिर उनकी बेटी जोहरा की तस्वीर देखी, मैं उस बच्ची का चेहरा भूल नहीं सकता हूं. हम कश्मीर के प्रत्येक नौजवान के चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी देखना चाहते हैं और इस दिशा में हमारी कोशिशें जारी रहेंगी. रशीद हाल ही में आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की एक मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गये थे, बाद में उनका निधन हो गया.
सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मई 2014 में कार्यभार संभालने के दिन से ही पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसियों से आपसी रिश्ते बेहतर बनाने के संजीदा प्रयास तेज कर दिये थे. इसी कवायद के तहत प्रधानमंत्री ने शपथ ग्रहण समारोह में सभी पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था. आमंत्रण के पीछे की मंशा साफ थी कि इसका मकसद हाथ मिलाना मात्र नहीं था बल्कि दिल से दिल का रिश्ता कायम करना था. इतना ही प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर भी एक कार्यक्रम में शिरकत करने वहां गये. हमने रिश्ते बेहतर करने के लिये हर संभव उपाय किये. हमने यह कभी नहीं कहा कि हम अपने पड़ोसियों से बेहतर रिश्ते बनाना नहीं चाहते हैं, हम अच्छे रिश्ते कायम करना चाहते हैं.
सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था कि हम दोस्त तो बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं. लेकिन हमारा पड़ोसी देश (पाकिस्तान) क्या कर रहा है?
वे हमारी सीमा में आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहे हैं. मैं पाकिस्तान से कहूंगा कि इसे रोका जाना चाहिये. वाजपेई हों या प्रधानमंत्री मोदी, हर किसी ने अपने स्तर पर बेहतर प्रयास किये लेकिन इसके एवज में पाकिस्तान का वह रवैया कभी नहीं रहा जो होना चाहिये था.
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