अब थलसेना पुलिस की कमान महिलाओं को
थल सेना में पहली बार 800 महिला जवानों की भर्ती की जाएगी. इसके लिए सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है. महिला जवानों को भर्ती काम्बैट रोल के बजाए फिलहाल केवल सेना पुलिस कोर में ही की जाएगी.
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महिलाओं को कमीशन अधिकारी के रूप में भर्ती करने के डेढ़ दशक बाद सेना ने उन्हें बतौर जवान भी भर्ती करने का बड़ा कदम उठाया है. सेना के एड्जूटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने शुक्रवार को एक प्रेंस कान्फ्रेंस में यह जानकरी दी. उन्होंने बताया कि सेना ने महिला जवानों की सेना पुलिस कोर में भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस प्रस्ताव के तहत लगभग 800 महिला जवानों की भर्ती की जाएगी और इसके लिए हर साल 52 महिलाओं की सेना पुलिस कोर में भर्ती होगी.
सेना पुलिस कोर सेना की लड़ाकू भूमिका में नहीं आती और इनका काम छावनियों तथा सैन्य प्रतिष्ठानों में कानून व्यवस्था की निगरानी का होता है. यह कोर सैनिकों द्वारा नियमों के पालन, शांति तथा युद्ध के समय सैनिकों के एक जगह से दूसरी जगह भेजे जाने की निगरानी और युद्धबंदियों से जुडे मामलों को देखती है. इसके साथ ही यह छावनियों तथा सैन्य प्रतिष्ठानों में छोटे -मोटे अपराधों की जांच और भीड़ पर नियंत्रण जैसे काम भी करती है.
सरकार के इस कदम को महिलाओं को सेना में बतौर जवान लड़ाकू भूमिका में लाने की दिशा में प्रथम कदम माना जा रहा है. खुद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी कुछ महीने पहले कहा था कि सेना महिलाओं को बतौर जवान भर्ती करने पर विचार कर रही है और इसकी शुरुआत सेना पुलिस कोर में उनकी भर्ती से की जाएगी. सेना की ओर से यह निर्णय देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के रक्षा मंत्रालय की कमान संभालने के महज एक दिन बाद लिया गया है.
महिलाओं की सेना में बतौर जवान भर्ती का मामला लंबे समय से चला आ रहा है और अब जाकर इसकी शुरुआत हो रही है. इन महिला जवानों को सेना पुलिस कोर के बेंगलुरू स्थित प्रशिक्षण केंद्र में ट्रे¨नग दी जाएगी. सेना ने 1992 में महिलाओं को अधिकारी के तौर पर कमीशन दिया था. ये अधिकारी सेना के प्रशासनिक, विधि, शैक्षणिक और इंजीनियरिंग आदि विभागों में गैर लड़ाकू भूमिका में काम कर रही हैं.
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