सतलोक आश्रम के संत रामपाल को हिसार कोर्ट ने किया बरी, लोगों को बंधक बनाने का था आरोप

Last Updated 29 Aug 2017 12:28:03 PM IST

सतलोक आश्रम के संत रामपाल को हिसार कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने रामपाल को दो आपराधिक मामलों में बरी कर दिया है लेकिन उसके खिलाफ अन्य मामले चलते रहेंगे.


फाइल फोटो

हरियाणा में हिसार जिले के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संत रामपाल को सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोक कर लोगों को बंधक बनाने के दो मामलों में आज हिसार की एक अदालत ने बरी कर दिया लेकिन उसके खिलाफ अन्य मामले चलते रहेंगे.

हिसार के न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने फैसला सुनाते हुए सतलोक आश्रम, बरवाला के प्रमुख रामपाल और उनके अनुयायियों को बरी कर दिया.
     
न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की अदालत ने रामपाल के खिलाफ यह  फैसला मुकदमा संख्या 426 और 427 में सुनाया. रामपाल के वकीलों ने अदालत से बाहर आकर बताया कि उसे इन दोनों मामलों में बरी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि उसके खिलाफ अन्य मामलों में सुनवाई चलती रहेगी.
     
इन मामलों में फैसले के लिये 24 अगस्त की तारीख तय की गयी थी लेकिन डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सीबीआई अदालत में पेशी और फैसला सुनाये जाने के मद्देनार पुलिस ने याचिका दाखिल कर अदालत से इसे स्थगित करने का अनुरोध किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया था. 

रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ 17 नवंबर 2014 को आईपीसी की धारा 186 (सरकारी कामकाज के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा डालना), 332 ( जानबूझकर लोकसेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन में चोट पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को उसका कर्तव्य पूरा करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया था .

रतिया (फतेहाबाद) के सुखदेव सिंह की शिकायत पर दंगा करने, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने, लोकसेवक के आदेश का उल्लंघन और गलत तरीके से किसी व्यक्ति को रोककर रखने के आरोप में रामपाल और उसके अनुयायियों-पुरूषोत्तम दास, राज कुमार, मनोहर सिंह, राजेंद्र सिंह, राहुल और 30-40 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 18 नवंबर, 2014 को एक और मामला दर्ज किया गया था .

वर्ष 2014 में आश्रम परिसर से रामपाल के 15000 से ज्यादा अनुयायियों को खाली कराने को लेकर उसके कुछ समर्थकों और पुलिस के बीच गतिरोध के बाद रामपाल को गिरफ्तार किया गया था. 

इस गतिरोध ने हिंसक रूप ले लिया जिससे पांच लोगों की मौत हो गयी  थी.

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रामपाल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. रामपाल ने इस आदेश पर अमल के लिये पुलिस की कार्वाई का प्रतिरोध किया था.  उसने अदालत की अवमानना जैसे आरोपों पर जवाब देने के लिए उच्च न्यायालय में पेश होने से भी इंकार कर दिया था. वह बरवाला हिसार में अपने आश्रम के भीतर छिपा रहा .

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि रामपाल अभी जेल में ही रहेगा  क्योंकि वह देशद्रोह सहित अन्य आरोपों का सामना कर रहा है.

अदालत के आज फैसला सुनाने के मद्देनार सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये थे. अदालत परिसर के आसपास, टाउन पार्क, बस अड्डा और रेलवे स्टेशन सहित सभी संवदेनशील स्थलों पर करीब एक हजार पुलिसकर्मियों के अलावा राज्य सशस पुलिस बल तथा अर्धसैनिक बलों की तीन कम्पनियां तैनात की गयीं थी.

अदालत परिसर के आसपास टाउन पार्क, बस अड्डा और रेलवे स्टेशन सहित सभी संवदेनशील स्थलों पर एक हजार पुलिसकर्मियों के अलावा राज्य सशस्त्र पुलिस बल तथा अर्ध सैनिक बलों की तीन कम्पनियां तैनात की गई हैं.

उल्लेखनीय है मामले की हर सुनवाई पर शहर में बड़ी संख्या में रामपाल के समर्थक आते रहे हैं. ऐसे में प्रशासन ने डेरा सच्चा सौदा समर्थकों द्वारा उत्पात, हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ किये जाने के मद्देनार कोई जोखिम नहीं लेते हुये कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है.

 

एजेसियां


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