यौन शोषण मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम को सुनाई 20 साल की सजा
डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत ने यौन शोषण मामले में दोषी ठहराते हुए दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में 10-10 साल की सजा सुनाई है.
![]() डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम 20 साल के लिए जेल में. |
इस तरह उसे बीस साल की कैद भुगतनी पड़ेगी. साथ ही दोषी पर तीस लाख रुपए जुर्माना भी किया गया है. इसमें दोषी को 14-14 लाख रुपए पीड़ितों को देने होंगे, जबकि दो लाख रुपए अदालत में जमा कराने होंगे.
घिनौना कृत्य बनाम समाजसेवा : अदालत में सजा पर फैसले को लेकर सीबीआई व बाबा के वकीलों के बीच जमकर बहस हुई. सीबीआई की तरफ से दलील दी गई कि आस्था के नाम पर घिनौना कुकृत्य किया गया है और दोषी को उम्र कैद की सजा दी जाए, जबकि बाबा की तरफ से पैरवी कर रहे वकीलों ने पक्ष रखा कि जनहित के लिए डेरे की तरफ से अनेक सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं, इसलिए बाबा को कम से कम सजा दी जाए. समाजसेवा के नाम पर रहम की अपील काम नहीं आई और जज ने राम रहीम को दस-दस साल की कैद की सजा सुना दी.
यह बहाना भी नहीं आया काम : वकीलों ने कहा कि बाबा की उम्र 50 साल है. वह हाइपरटेंशन, एक्यूट डायबिटीज और गंभीर पीठ दर्द से जूझ रहा है. उसकी बुजुर्ग मां भी है, जो कई बीमारियों से जूझ रही हैं. ऐसे में सजा में नरमी बरती जानी चाहिए,लेकिन राम रहीम के वकीलों की यह दलील भी काम नहीं आई.
हाथ जोड़कर रोता रहा और रहम की गुहार करता रहा बाबा : सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह के सामने खड़ा बाबा राम रहीम सुनवाई के दौरान लगातार हाथ जोड़े रहा आंखों में आंसू भरकर रहम की गुहार करता रहा. लाखों श्रद्धालुओं से ‘पिताजी’ कहलाने वाले गुरमीत सिंह को जब बीस साल की सजा सुना दी गई तो वह रोता हुआ नीचे बैठ गया और अदालत कक्ष से बाहर जाने को तैयार नहीं हो रहा था. जेल कर्मी उसे जबरन बाहर ले गए.
रहम का हकदार नहीं
जब दोषी ने अपनी ही साध्वियों को नहीं छोड़ा और जंगली जानवर की तरह पेश आया तो इस शख्स का इंसानियत से कोई लेना-देना नहीं है और उसके स्वभाव में ही कोई रहमदिली नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि दुष्कर्म सिर्फ शारीरिक छेड़छाड़ नहीं होता, बल्कि वह पीड़िता के व्यक्तित्व को ही तबाह कर देता है. इस मामले में पीड़िताओं ने तो दोषी को भगवान मान रखा था, इसलिए दोषी ने यौन शोषण कर उनके भरोसे को भी तोड़ा है. ऐसे दोषी किसी तरह के रहम के हकदार नहीं है. - विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह
पीना है तो टाइम से पीयो चाय
जज से राम रहीम ने शिकायत की कि जेल वाले उन्हें मांगने पर भी चाय नहीं देते हैं, इस पर जज ने जब जेल कर्मचारियों से पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है तो इस पर जेल अधिकारियों ने कहा कि हम टाइम मैनुअल के हिसाब से तय समय पर ही खाना व चाय देते हैं, इस पर जज ने राम रहीम से कहा कि चाय तो तय समय पर ही मिलेगी.
खाना वही खाओ जो सब खाते हैं : सीबीआई की विशेष कोर्ट से राम रहीम ने यह भी शिकायत की कि जेल का खाना अच्छा नहीं है. इसलिये उन्हें बाहर से खाना मंगाने की इजाजत दी जाये, इस पर जज ने तल्ख लहजे में कहा कि तुम्हें वही खाना होगा जो जेल के अन्य कैदियों को मिलता है.
हाईकोर्ट में करेंगे अपील : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के वकील एसके गर्ग ने बाद में कहा कि दुष्कर्म का यह पुराना मामला था, उसके बाद बाबा के खिलाफ और कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है इसलिये हमने कोर्ट से गुजारिश की थी कि बाबा की समाजसेवा व लंबे वक्त का अंतराल देखते हुए सजा कम से कम की जाये पर ऐसा हुआ नहीं. हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
वाजपेयी ने हाईकोर्ट को भेजी थी शिकायत : इस पूरे मामले के जांच अधिकारी एमएल शर्मा का कहना है कि दोनों साध्वियों ने वर्ष 2002 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जो शिकायत भेजी थी उसे वाजपेयी जी ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया था, वहां से यह मामला सिरसा कोर्ट को भेजा गया, फिर जांच शुरु हुई और अंजाम यहां तक पहुंचा.
सात स्तरीय सुरक्षा : रोहतक की सुनारिया जेल के बाहर सात चक्र की सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. पांच किलोमीटर के दायरे में पुलिस और सुरक्षा बलों का पहरा था. अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई थी.
रेप केस की 5 अहम कड़ियां
1 दो साध्वियों के अलग-अलग बयान हुए. दोनों में समानता मिली.
2 एक सेवादार के रिश्तेदार परमजीत के भी 164 बयान हुए.
3 कोर्ट के सामने डेरे से जुड़ी घटनाओं की कड़ी से कड़ी जुड़ती गईं.
4 मेडिकल एविडेंस नहीं थे. ‘रीलेट चेन ऑफ इवेंट्स’ ही केस का बेस बना.
5 बाबा की दलीलें सही नहीं पाई गई.
मामले अभी और भी हैं
- गुरमीत राम रहीम से जुड़े मामले में दो जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई होगी. एक हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा के बयान पर है. मंत्री ने कहा था कि आस्था पर धारा-144 नहीं लगती. वहीं, गुरमीत राम रहीम के 50वें बर्थ-डे पर 51 लाख रु पए देने के मामले में भी दायर हुई है.
- 12 साल पुराने रामचंद्र छत्रपति पत्रकार र्मडर केस में 16 सितम्बर को सीबीआई कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस पत्रकार ने ही बाबा के खिलाफ अपने अखबार में खबरें छापी थीं. 2002 में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी.
- राम रहीम पर 462 लोगों को नपुंसक बनाने का आरोप है. इस मामले में अक्टूबर में फैसला आ सकता है.
ऐसे चला घटनाक्रम
समय घटना
1.15- चंडीगढ़ राजिंद्रा पार्क से जज जगदीप सिंह के हेलीकाप्टर ने उड़ान भरी
2.15- विशेष हेलीकाप्टर रोहतक पहुंचा.
2.20- विशेष हेलीकाप्टर जेल में उतरा
2.25- सीबीआई जज जगदीप सिंह जेल के भीतर पहुंचे
2.35- अदालत की कार्यवाही शुरू
2.39- मुजरिम गुरमीत सिंह को अदालत में लाया गया
2.45- सीबीआई ने अधिकतम सजा की मांग की
2.53- बचाव पक्ष का तर्क,समाज सेवी हैं नरम रुख रखा जाए
3.02- जज ने आर्डर पढ़ना शुरू किया, पहले से लिखकर लाए थे
3.21- वकील कोर्ट रूम से बाहर, बाबा और जज व स्टाफ भीतर
3.22- जज ने फैसले में तत्कालिक टिप्पणी लिखवानी शुरू की.
3.24- सीबीआई ने फैसले से पहले सिरसा में हुई आगजनी की सूचना दी. बाबा के अनुयायी दबाव बना रहे हैं.
3.26- अदालत की कार्यवाही समाप्त, सभी लोग कोर्ट रूम से बाहर.
3.27- बलात्कारी बाबा को 10-10 साल की सजा
3.36- जज ने कोर्ट रूम छोड़ा, बाबा वहीं रोते रहे
3.40- बाबा को जेल स्टाफ जेल की बैरक में ले गया
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