Video: राहुल गांधी ने किया इंदिरा कैंटीन का उद्घाटन, बोल गए 'अम्मा कैंटीन'
कर्नाटक में आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘इंदिरा कैंटीन’ का उद्घाटन किया और इस अवसर पर उन्होंने जहां अपने संबोधन में भाजपा पर ताना कसा वहीं उनकी जुबान फिसल गयी और इंदिरा कैंटीन की जगह अम्मा कैंटीन बोल गए.
![]() राहुल गांधी इंदिरा कैंटीन का उद्घाटन करने के बाद खाना खाते हुए. |
कैंटीन के शुभारंभ के इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा, 'इस भोजन को खाने के लिए भाजपा नेताओं की कतार देखेंगे आप.' उन्होंने आगे कहा, मैं चाहता हूं कि बेंगलुरु में कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न रहे. यहां लोगों को 5 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में भोजन दिया जाएगा. कुछ समय बाद राज्य के अन्य शहरों में भी ऐसी कैंटीन खोली जाएंगी.
राहुल ने इस मौके पर कहा कि उन्हें गर्व है कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस कैंटीन की कल्पना की है. हालांकि अपने संबोधन में वह एक बार इसे इंदिरा की जगह अम्मा कैंटीन बोल गए.
राहुल गांधी द्वारा शुरु की गई इस इंदिरा कैंटीन में 5 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में दिन और रात का खाना परोसा जाएगा. उद्घाटन के बाद राहुल गांधी ने कैंटीन में जाकर खाना भी खाया.
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कर्नाटक को भूख से बचाने और श्रमिक वर्ग, गरीब प्रवासियों को सस्ती दरों पर भोजन मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को घोषणा की थी कि राज्य सरकार बुधवार से समूचे बंगलुरु में इंदिरा कैंटीन शुरू करेगी. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि मुझे यह घोषणा करने में खुशी हो रही है कि बुधवार से बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन खुलने जा रही है, जहां हर दिन शहर के श्रमिक और गरीब प्रवासी सस्ते में भोजन करेंगे.
'इंदिरा कैंटीन' के बाहर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ राहुल गांधी के बचपन की फोटो के साथ पोस्टर लगाया गया है. इंदिरा कैंटीन में लोगों को महज 10 रुपए में भरपेट खाना मिलेगा. शुरुआत में 101 कैंटीन खोले जाएंगे, जहां हर दिन 5 रुपये में शाकाहारी नाश्ता और 10 रुपये में दोपहर का खाना और रात का खाना मुहैया कराया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने चालू वित्त वर्ष (2017-18) में सभी 198 वार्डों में पड़ोसी राज्य तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर कैंटीन चलाने के लिए बजट में प्रावधान किया है. वित्त मंत्रालय भी उन्हीं के पास है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य कर्नाटक को भूख मुक्त बनाना है. राज्य में हर महीने गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को 'अन्न भाग्य योजना' के तहत 7 किलोग्राम चावल मुफ्त में दिया जा रहा है, ताकि वे दो वक्त खाना खा सकें.
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