साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि चंद्रकांत देवताले का निधन
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हिंदी के कवि चंद्रकांत देवताले का कल देर रात यहां निधन हो गया . वह 81 वर्ष के थे.
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि चंद्रकांत देवताले का निधन |
उनके परिवार में दो बेटियां हैं . उनकी पत्नी का निधन कुछ वर्ष पूर्व हो गया था. वह एक महीने से निजी अस्पताल में भर्ती थे.
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के जौल खेड़ा में 7 नवंबर 1936 में जन्मे श्री देवताले 1960 के दशक में अकविता आंदोलन के साथ उभरे थे और ‘लकड़बग्घा हंस रहा है’संग्रह से चर्चित हुए थे. हिंदी में एम ए करने के बाद उन्होंने मुक्तिबोध पर पी एच डी की थी. वह इंदौर में एक कॉलेज से शिक्षक के रूप में सेवा निवृत्त होकर स्वतां लेखन कर रहे थे.
उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान के अलावा मध्यप्रदेश शिखर सम्मान तथा मैथिली शरण गुप्त सम्मान मिला था. उनकी चर्चित कृतियों में‘रौशनी के मैदान के उस तरफ‘, ‘पत्थर फेंक रहा हूँ,’‘ हड्डियों में छिपे ज्वार‘ शामिल हैं. उन्होंने संत तुकाराम और दिलीप चिो की रचनाओं का अनुवाद भी किया था.
भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक लीला धर मंडलोई ,विष्णु खरे ,विष्णु नागर ,मंगलेश डबराल ने श्री देवताले के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
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