देशभर में शिक्षकों ने काले बिल्ले लगाकर मनाया मांग दिवस
आखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महा संघ से जुड़े छह लाख से अधिक शिक्षकों ने बुधवार को देश भर में काले बिल्ले लगाकर मांग दिवस मनाया.
![]() फाइल फोटो |
और शिक्षकों ने केंद्र सरकार पर अड़ियल रुख का आरोप लगते हुए विरोध प्रदर्शन किया. महासंघ के इस विरोध प्रदर्शन का केन्द्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी समर्थन किया है.
महासंघ के सचिव प्रोफ अरुण कुमार और अध्यक्ष केशव भट्टाचार्य ने जारी विज्ञप्ति में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर की इस घोषणा का स्वागत किया कि सरकार ने शिक्षकों के सातवें वेतन आयोग को लेकर शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है जो चौहान समिति की सिफारिशों को अंतिम रूप देगी लेकिन सरकार द्वारा चौहान समिति की सिफारिशों को सार्वजानिक न किये जाने की कड़ी आलोचना की है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पहले हर बार शिक्षकों के वेतनमान से जुडी समितियों की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाता रहा है लेकिन पहली बार सरकार इसे सार्वजानिक नहीं कर रही है, इससे शिक्षकों में सन्देह और भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि महासंघ पिछले एक साल से मानव संसाधन विकास मंत्री से इस मुद्दे पर बातचीत के लिए समय मांग रहा है लेकिन उन्होंने अभी तक समय नहीं दिया है.
महासंघ ने कहा है कि उच्च शिक्षा सचिव ने उन्हें बुधवार को फ़ोन करके महासंघ के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की इच्छा व्यक्त की है और आंदोलन न करने की सलाह दी है. उन्होंने आासन दिया है कि 24अप्रैल को उच्च स्तरीय समिति की बैठक के बाद सकारात्मक परिणाम निकलेंगे.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिक्षक वेतनमान के आलावा ऐ पी आयी तदर्थ शिक्षकों बजट में कटौती आदि के मुद्दे पर जावडेकर से बात करना चाहते हैं और सरकार से किसी तरह का कोई टकराव नहीं चाहते हैं.
गौरतलब है शिक्षक काफी समय से वेतनमान को लेकर मांग कर रहे हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जावडेकर ने मंगलवार को कहा कि शिक्षकों के साथ न्याय किया जायेगा.
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