माल्या को भारत लाना आसान नहीं, ये है मुश्किल
भारत सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित कारोबारी विजय माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में नई दिल्ली के प्रत्यर्पण संबंधी आग्रह पर स्कॉटलैंड यार्ड ने लंदन में गिरफ्तार किया लेकिन चंद घंटे बाद उसे जमानत मिल गई.
![]() विजय माल्या (फाइल फोटो) |
वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी को मामले में पहली सफलता बताया, जिसमें अब ब्रिटेन में यह तय करने के लिए एक कानूनी प्रक्रिया होगी कि क्या माल्या को भारतीय अदालतों में आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित किया जा सकता है.
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि माल्या का प्रत्यर्पण आसान नहीं रहने वाला है.
वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी और दुष्यंत दवे का विचार है कि ब्रिटेन में अदालतें बहुत स्वतंत्र हैं और प्रत्यर्पण को आसानी से स्वीकृति नही देतीं.
तुलसी ने कहा कि भारत सरकार ने माल्या के खिलाफ सबूत भेज दिए हैं और अदालतें स्वतंत्र रूप से इसका आकलन करेंगी कि क्या ये सबूत माल्या को वापस भेजे जाने की इजाजत देने के लिए पर्याप्त हैं.
उन्होंने कहा कि जब प्रत्यर्पण का आग्रह होता है तो आमतौर पर जमानत 60 दिनों के बाद मिलती है, लेकिन माल्या को गिरफ्तारी वाले दिन ही जमानत मिल गई.
दवे ने कहा कि वहां अदालतें स्वतंत्र हैं और प्रत्यर्पण की इजाजत आसानी से नहीं देती हैं.
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