न्यू इंडिया के तीन मंत्र : जनधन, वनधन और जलधन

Last Updated 17 Apr 2017 06:58:36 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने न्यू इंडिया अभियान के आर्थिक नीति के लिए तीन मंत्र दिए हैं- जनधन, वनधन और जलधन. उन्होंने कहा कि सरकार पी-2 यानि प्रो पुअर और जी-2 यानि गुड गवर्नेस होनी चाहिए. उन्होंने 2022 तक देश को दुनिया का सबसे कम गरीबों वाला देश बनाने का आह्वान किया.


भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में नितिन गड़करी.

रविवार को भाजपा कार्यकारिणी के समापन सत्र में मोदी ने कहा हमारा लक्ष्य अंत्योदय होना चाहिए. हमने और हमारे से पहले सरकारों ने जो भी काम किया है, उससे और अधिक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन के लिए हमे लम्बी छलांग लगाने की जरूरत है. उन्होंने क्रिकेट की भाषा में कहा हमें टी-22 यानि 2022 तक भारत को सबसे कम गरीबों वाला देश बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा गांधी जी का 1920 से लेकर 1942 का संघर्ष आजादी को लेकर था हमारा संघर्ष गरीब में पुरु षार्थ पैदा करने का होना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने दिल्ली में न्यू इंडिया बनाने की तरफ काम करने का आह्वान किया आज उन्होंने न्यू इंडिया के लिए आर्थिक नीति के तीन मंत्र दिए, इनमें जनधन वनधन और जलधन है. जनधन में देशवासियों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने का है. वन धन से मतलब आदिवासियों को उनका हक देने और पर्यावरण का भी ख्याल रखने का मंत्र है. जलधन में देश के बहते पानी को रोकने, रु के पानी से सिंचाई करने और पानी को समुन्द्र में बहने से रोकने के लिए है.
 
जीत को उन्माद में नहीं विनम्रता में बदलें : मोदी ने कहा हमारी विजय से उन्माद नहीं होना चाहिए बल्कि विनम्रता आनी चाहिए. हम सत्ता में भोगने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि सत्ता परिवर्तन सामाजिक आर्थिक परिवर्तन के लिए होनी चाहिए.



ओबीसी पर अलग से प्रस्ताव

भाजपा की दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रविवार को अन्य पिछड़ा वर्ग पर एक अलग से प्रस्ताव पारित किया गया. यह पहला मौका है जब ओबीसी पर प्रस्ताव पारित हुआ. एक अन्य राजनीतिक प्रस्ताव था जिसमें आर्थिक मुद्दों को शामिल किया गया, अन्यथा आर्थिक प्रस्ताव अलग से आता था और बाकि मुद्दों को राजनीतिक प्रस्ताव में शामिल किया जाता था.  दरअसल, भाजपा को उन राज्यों में विस्तार करना है जहां उसकी पैठ नहीं है. अभी जिन राज्यों में भाजपा को लोकसभा सीटें मिली है, वे कमोवेश अधिकतम है. इनमें ज्यादा से ज्यादा 30-40 सीटों और भाजपा को मिल सकती हैं. भाजपा ने ओबीसी पर प्रस्ताव पारित कर अपनी अपनी मंशा जाहिर की है. अंग्रेजी राज में देश में 67 फीसद आबादी ओबीसी की थी जो मंडल आयोग के मुताबिक 1980 में 52 फीसद हो गई थी. हिन्दुओं में ओबीसी 40 फीसद हैं तो मुसलमानों में 39 प्रतिशत. हमारे देश में धार्मिंक आरक्षण की व्यवस्था नहीं है लेकिन सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है. भाजपा की तरफ से पारित प्रस्ताव में सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन की बात है लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा की आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को भी लाभ दिया जाएगा, यदि ऐसा है तो अगड़ी जाति के लोग भी ओबीसी का लाभ ले सकेंगे. 

 

 

रोशन


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment