Vitamin D हृदय रोगों के उपचार और नियंत्रण में प्रभावी : विशेषज्ञ

Last Updated 08 Jul 2023 05:21:17 PM IST

मद्रास मेडिकल मिशन हॉस्पिटल के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विजित चेरियन ने कहा, "विटामिन डी का उपयोग करके इलाज, हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक अपेक्षाकृत नई विधि है।"


मद्रास मेडिकल मिशन हॉस्पिटल के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विजित चेरियन

डॉ. चेरियन ने यह भी कहा कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से चिकित्सीय जांच कराकर अपने हृदय की स्थिति की निगरानी करनी चाहिए।

आईएएनएस के साथ एक विशेष साक्षात्कार के अंश...

आईएएनएस - हाल की खबरों से काफी उत्साह है कि विटामिन डी हृदय रोगों के उपचार और नियंत्रण में प्रभावी हो सकता है। इस पर आपकी क्या राय है?

जवाब - डॉ. चेरियन ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विटामिन डी का उपयोग करके उपचार अपेक्षाकृत नया है, लेकिन इस क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टर मानव हृदय पर विटामिन डी के प्रभाव पर शोध कर रहे हैं कि इसका उपयोग हृदय रोगों के सफलतापूर्वक इलाज के लिए कैसे किया जा सकता है।

विटामिन डी का उपयोग शरीर में सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। इस संदर्भ में ध्यान देने वाली बात यह है कि शरीर में सूजन होना मरीज के लिए अच्छा नहीं है। विटामिन डी के प्रयोग से मरीजों में ब्लड प्रेशर भी कम होता है।

आईएएनएस - क्या आने वाले दिनों में कार्डियोलॉजी उपचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रमुख भूमिका निभाएगा?

जवाब - डॉ. चेरियन ने कहा कि एआई निश्चित रूप से बीमारी को जल्दी ठीक करने में मदद करेगा। यह बड़ी संख्या में डेटा एकत्र करने में सक्षम है और यहां तक कि रेटिना की एआई सक्षम इमेजिंग भी हृदय रोगों की सटीक भविष्यवाणी कर सकती है।

इस क्षेत्र में कई शोध चल रहे हैं और नई रिसर्च के अनुसार, यह पता चला है कि एआई सिस्टम की सटीकता 70 से 80 प्रतिशत के बीच है। इसका उपयोग गहराई में जाकर हृदय संबंधी जांच के लिए दूसरे रेफरल तंत्र के रूप में किया जा सकता है।

आईएएनएस - क्या आपको लगता है कि भारत में उपलब्ध डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट विकसित देशों के बराबर है?

जवाब - उन्होंने कहा कि पश्चिम और अन्य विकसित देशों के विपरीत, भारत में अन्य विकसित देशों की तुलना में ऐसे लोगों की संख्या कम है जो इस इलाज का खर्च उठा सकते हैं। हालांकि, मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि भारत में इलाज की सुविधाएं दुनिया के किसी भी अन्य देश की तरह ही उपलब्ध हैं।

आईएएनएस - क्या भारत में कार्डियो मामलों की संख्या घट रही है?

जवाब - डॉ. चेरियन ने कहा कि मुझे डर है कि देश में कार्डियो मामलों की संख्या बढ़ रही है और बड़े पैमाने पर शहरीकरण, कार्डियो मामलों में इस बढ़ोतरी का एक मुख्य कारण है। मुख्य रूप से सेडेंटरी लाइफस्टाइल और खान-पान की बदली हुई आदतों के कारण मोटापे की समस्या हुई है और इससे कार्डियो के मामले बढ़े हैं।

देश के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में कार्डियो के मामलों की संख्या दोगुनी है। जबकि, ग्रामीण क्षेत्रों में यदि आप एक अध्ययन करें तो 100 में से सात को हृदय संबंधी बीमारियां हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह दोगुना है।

आईएएनएस - कार्डियो के मामलों में कमी लाने और दिल के दौरे को रोकने के लिए आपके क्या सुझाव हैं?

जवाब - डॉ. चेरियन ने कहा कि सबसे पहले जो जरूरी चीज है वह हर व्यक्ति के लिए व्यायाम है। व्यायाम प्रतिदिन करना चाहिए और दिन में कम से कम आधे घंटे तक तेज चलना चाहिए।

यदि आपकी उम्र 40 से अधिक है तो साल में कम से कम एक बार जांच जरूर करानी चाहिए, ताकि दिल से संबंधित बीमारियों की संभावनाओं का पता लगाया जा सके। जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम हो सके। खान-पान की आदतें भी हृदय रोगों में वृद्धि का एक अन्य कारण हैं, जिसे हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन और तेल खपत में कमी के साथ नियंत्रित किया जा सकता है।

आईएएनएस
चेन्नई


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