कांगो और रवांडा ने अमेरिका की मध्यस्थता से शांति समझौते पर किए हस्ताक्षर
कांगो गणराज्य और रवांडा ने शुक्रवार को अमेरिका की मध्यस्थता से हुए एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य पूर्वी कांगो में दशकों से जारी युद्ध को समाप्त करना और क्षेत्र में महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच बनाने में अमेरिकी सरकार व कंपनियों की मदद करना है।
![]() कांगो और रवांडा ने अमेरिका की मध्यस्थता से शांति समझौते पर किए हस्ताक्षर |
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में हुई बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से कहा, ‘‘आज, हिंसा और विनाश का अध्याय समाप्त हो गया है और पूरा क्षेत्र आशा, अवसर, सद्भाव, समृद्धि व शांति का एक नया अध्याय शुरू करने जा रहा है।’’
विदेश मंत्रालय के संधि कक्ष में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे ‘‘30 साल के युद्ध के बाद एक महत्वपूर्ण क्षण’’ कहा।
मध्य अफ्रीकी देश कांगो 100 से अधिक सशस्त्र समूहों के साथ संघर्ष से त्रस्त है, जिनमें सबसे शक्तिशाली समूहों को रवांडा का समर्थन हासिल है। इन समूहों की वजह से 1990 के दशक से लाखों लोगों की जान चली गई है।
इस समझौते को एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि विश्लेषकों को लगता है कि यह लड़ाई को जल्दी समाप्त नहीं कर पाएगा क्योंकि सबसे प्रमुख सशस्त्र समूह का कहना है कि यह समझौता उस पर लागू नहीं होता है।
कांगो और रवांडा ने हस्ताक्षर करने के लिए शीर्ष राजनयिक भेजे।
कांगो की विदेश मंत्री थेरेसे काइकवाम्बा वैगनर ने रवांडा के विदेश मंत्री ओलिवियर नदुहुंगिरेहे के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों विदेश मंत्रियों ने समझौते के बाद शांति को लेकर उम्मीद जताई, साथ ही इस बात पर जोर दिया कि लड़ाई खत्म करने के लिए अभी और उल्लेखनीय कार्य किया जाना बाकी है।
वैगनर ने कहा, ‘‘कुछ घाव भर जाएंगे, लेकिन उनके निशान कभी खत्म नहीं होंगे।’’
नदुहुंगिरेहे ने कहा कि ‘‘बहुत अनिश्चितता है’’ क्योंकि पिछले समझौते लागू नहीं हुए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि आगे की राह आसान नहीं होगी। लेकिन अमेरिका और अन्य भागीदारों के निरंतर समर्थन के साथ, हम मानते हैं कि एक शांति के मार्ग में महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है।’’
उन्होंने रुबियो के साथ मिलकर इस समझौते को संभव बनाने में खाड़ी अरब देश कतर के सहयोग की सराहना की।
‘ओवल ऑफिस’ (अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय) में समझौते के उल्लंघन की आशंका के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसा होगा, लेकिन उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि ऐसा हुआ तो बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।
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