बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने किया जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण बहाल
बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी पार्टी का पंजीकरण और चुनाव चिह्न बहाल कर दिया है।
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‘बांग्लादेश संवाद संस्था’ की खबर के अनुसार, आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद के हस्ताक्षर वाली एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से मंगलवार को यह घोषणा की गई।
बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने एक जून को चुनाव आयोग को दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी पार्टी का पंजीकरण बहाल करने का आदेश दिया था।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा पार्टी पर से प्रतिबंध हटाने के लगभग आठ महीने बाद न्यायालय का निर्णय आया। इससे चुनावों में इसकी भागीदारी का रास्ता साफ हो गया।
आयोग ने दिसंबर 2018 में उच्च न्यायालय के एक फैसले के अनुरूप जमात का पंजीकरण रद्द कर दिया था, जो 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के खिलाफ थी।
साल 2013 में, बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण रद्द कर दिया और फैसला सुनाया कि पार्टी राष्ट्रीय चुनाव लड़ने के लिहाज से अयोग्य है।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने 5 अगस्त, 2024 को उनके पद से हटने से कुछ दिन पहले ही पार्टी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) नामक संगठन के नेतृत्व में एक हिंसक जन आंदोलन के बाद हसीना को पद छोड़ना पड़ा था। जमात और कई अन्य पार्टियों ने एसएडी का समर्थन किया था।
शेख हसीना के पद से हटने के बाद जमात पार्टी ने 2013 के उस अदालती आदेश की समीक्षा करने की अपील की थी, जिसमें पार्टी पर प्रतिबंध लगाया गया था।
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