इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान की राजधानी पर हमला कर दिया और देश के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया जिसके बाद पश्चिम एशिया के दो कट्टर विरोधियों के बीच एक व्यापक युद्ध की आशंका तेज हो गई है। इसे 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
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इजराइल ने ईरान के मुख्य परमाणु संवर्धन केंद्र को भी निशाना बनाया और हमले के बाद वहां से काला धुआं हवा में उठता देखा गया।
इजराइल के हमले में ईरान के अर्द्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई। देश के सरकारी टेलीविजन ने अपनी खबर में यह जानकारी दी। माना जा रहा है कि इन हमलों में शीर्ष सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।
यह हमला ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ते तनाव के बीच हुआ है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हमले के बाद कहा कि इजराइल को ‘कड़ी सजा’ दी जाएगी।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने कहा कि इन हमलों में उसका कोई हाथ नहीं है, साथ ही उसने अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना बनाकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई किए जाने के प्रति चेतावनी दी है।
ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए लगातार की जा रही वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकलने पर अमेरिका ने इजराइल से संयम बरतने की अपील की थी।
इजराइली नेताओं ने इस हमले को राष्ट्र के अस्तित्व की लड़ाई बताया और कहा कि इस बात का खतरा था कि ईरान परमाणु बम बना सकता है और इस आसन्न खतरे को रोकने के लिए यह हमला आवश्यक था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान इस लक्ष्य को प्राप्त करने के कितने करीब है या क्या ईरान वास्तव में निकट भविष्य में हमला करने की योजना बना रहा था।
इजराइल ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के उद्देश्य से ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ प्रारंभ करने की घोषणा की, साथ ही इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को दावा किया कि नतांज स्थित ईरान के मुख्य संवर्धन केंद्र सहित अन्य ठिकानों पर हमला किया गया है।
नेतन्याहू ने शुक्रवार सुबह एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ कुछ ही समय पहले इजराइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया है जो इजराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को खत्म करने के वास्ते एक लक्षित सैन्य अभियान है। खतरे के समाप्त होने तक यह अभियान जारी रहेगा।’’
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘हाल के महीनों में ईरान ने ऐसे कदम उठाए हैं जो उसने पहले कभी नहीं उठाए। जैसे संवर्धित यूरेनियम से हथियार बनाने का कदम, और अगर इसे नहीं रोका गया तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है। यह एक साल में हो सकता है, यह कुछ महीनों में हो सकता है, या एक साल से भी कम समय में हो सकता है। यह इजराइल के अस्तित्व के लिए एक स्पष्ट खतरा है।’’
उधर ईरान की समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने खामनेई के हवाले से एक बयान जारी किया। इसमें पुष्टि की गई कि हमले में शीर्ष सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं।
इसमें कहा गया, ‘‘इजराइल ने आवासीय केन्द्रों पर हमला करके अपनी दुर्भावनापूर्ण प्रकृति उजागर कर दी है।’’
इजराइल ने ईरान की राजधानी में कई जगहों पर हमला किया। नेतन्याहू ने कहा कि परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके अलावा ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसके बैलिस्टिक मिसाइल शस्त्रागार का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को भी निशाना बनाया गया।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने पुष्टि की है कि इजराइली हमले में ईरान के नतांज स्थित यूरेनियम संवर्धन केंद्र को निशाना बनाया गया और कहा कि वह विकिरण के स्तर पर बारीकी से नजर रख रही है।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इजराइली विमान ईरानी हवाई क्षेत्र में घुसे या उन्होंने ईरान पर केवल ‘‘स्टैंडऑफ मिसाइल’’ दागीं। हमले के समय इराक में लोगों ने लड़ाकू विमानों की आवाज़ सुनी।
इजराइल ने पूर्व में इराक की सीमा से ईरान पर हमला किया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि कोई हमला आसन्न है, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ऐसा ‘‘हो भी सकता है।’’
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इजराइल ने ‘‘ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई’’ की है और इजराइल ने अमेरिका से कहा है कि ये हमले उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थे।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में रुबियो ने कहा, ‘‘हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है।’’
हमले के बाद इजराइल के मुख्य हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया और बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत में लगभग आठ फीसदी की वृद्धि हुई। ईरान और इजराइल दोनों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं।
वहीं इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि हमलों के बाद, ‘‘इजराइल और उसकी नागरिक आबादी पर मिसाइल और ड्रोन हमले होने की आशंका है।’’
‘इजराइल डिफेंस फोर्सेज’ (आईडीएफ) के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने कहा है कि इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए सैन्य हमला किया।
लेफ्टिनेंट जनरल जमीर ने एक बयान में कहा, ‘‘ हम कार्रवाई के लिए और इंतजार नहीं कर सकते, हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास ने हमें सिखाया है कि जो हमें नष्ट करना चाहते हैं उनके सामने हमें अपना सिर नहीं झुकाना चाहिए, इसलिए हम अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए लड़ते हैं…।’’
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