पाकिस्तान ने गुरूवार को भारत के साथ शिमला समझौते और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित कर दिया, सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी और भारतीय एयरलाइन के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया।

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इसके साथ ही उसने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा।
पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को भी बंद कर दिया, दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारतीय नागरिकों को जारी सभी वीजा भी निलंबित कर दिए हैं तथा भारतीय उच्चायोग में सैन्य सलाहकारों को वापस जाने को कहा।
ये घोषणाएं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद की गईं। शरीफ ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कमतर करने के भारत के कदमों पर उचित प्रतिक्रिया के संबंध में विचार के लिए सरकार के प्रमुख मंत्रियों और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की।
भारत ने मंगलवार को पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद बुधवार को 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करने की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को बिहार में एक जनसभा में कहा कि भारत पहलगाम हमले में शामिल एक एक आतंकवादी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम धरती के आखिरी छोर तक उनका (पहलगाम के हमलावरों का) पीछा करेंगे। आतंकवाद कभी भारत का मनोबल नहीं तोड़ पाएगा।’’
इस्लामाबाद में बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाएं ‘‘किसी भी दुस्साहस के खिलाफ अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं’’।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि भारत विभिन्न शहरों को निशाना बनाने की साजिश रच रहा है। बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि हमारे नागरिकों को निशाना बनाया गया तो भारतीय लोगों को भी नुकसान होगा।’’
पाकिस्तान ने शिमला समझौते का स्पष्ट उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि मतभेदों को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाएगा, तथा दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा को मान्यता दी गई।
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने के अधिकार का प्रयोग करेगा, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है।
इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर देगा।
भारत ने बुधवार को अटारी सीमा चौकी को बंद कर दिया था।
पाकिस्तान ने कहा, ‘‘इस मार्ग से भारत से सीमा पार सभी पारगमन बिना किसी अपवाद के निलंबित रहेंगे। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे तुरंत उस मार्ग से वापस आ सकते हैं, लेकिन 30 अप्रैल के बाद नहीं।’’
पाकिस्तान ने कहा कि एसवीईएस के तहत भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द माने जाएंगे, सिवाय सिख तीर्थयात्रियों को दिए गए वीजा के।
पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में नयी दिल्ली मिशन में भारतीय सैन्य सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया है और उन्हें 30 अप्रैल तक वापस जाने को कहा है।
इसमें कहा गया है कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में 30 अप्रैल से राजनयिकों और कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30 कर दी जाएगी।
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ ‘‘सभी तरह के व्यापार’’ पर रोक लगा दी, जिसमें तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार भी शामिल हैं।
इसके अनुसार पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने संबंधी भारत के फैसले को ‘‘खारिज’’ कर दिया और इसे 24 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए जीवन रेखा बताया।
बयान में कहा गया है, ‘‘सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा।’’
बाद में जारी किए गए ‘नोटिस टू एयरमैन’ में बताया गया कि भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र को एक महीने के लिए बंद किया जा रहा है। यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि इस अवधि के बाद प्रतिबंध को बढ़ाया जाएगा या नहीं।
पाकिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट रूप से निंदा करता है और वह शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन किसी को भी अपने देश की संप्रभुता, सुरक्षा और सम्मान का उल्लंघन नहीं करने देगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा होने पर हर तरह से मजबूती से जवाब दिया जाएगा।’’
इसमें कहा गया है कि भारत को पहलगाम जैसी घटनाओं को लेकर प्रतिक्रिया स्वरूप आक्षेप लगाने के हथकंडों तथा अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार की घटनाओं का गलत फायदा उठाने से बचना चाहिए।
पाकिस्तान ने भारत पर ‘‘आतंकवाद से पीड़ित होने का वही घिसा-पिटा विमर्श’’ गढ़ने, पाकिस्तान की सीमाओं पर आतंकवाद को बढ़ावा देने, कश्मीर में ‘‘सरकारी दमन’’ करने और मुसलमानों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया।
इसने कहा ‘‘वक्फ विधेयक को जबरन पारित कराने का प्रयास भारत में मुसलमानों को हाशिए पर डालने का एक नया प्रयास है।’’
पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि पहलगाम हमले को पाकिस्तान से जोड़ने संबंधी भारत के प्रयास “तुच्छ और तर्कहीन हैं’’।
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